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हूती हमलों, सोमाली डकैतों के खतरे को लेकर केंद्रीय मंत्रालय ने जताई चिंता, कहा- अरब सागर बन सकता है जोखिम क्षेत्र

Red Sea Crisis : जहाजरानी मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय को इस सिलसिले में दिसंबर 2023 में पत्र लिखकर इस आशंका से अवगत कराया था।

Last Updated- January 30, 2024 | 11:00 PM IST
Red Sea and Houthis

व्यापारिक जहाजों पर लाल सागर में हूती हमलों और अरब सागर में सोमाली डकैतों के खतरे को देखते हुए बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने चिंता जताई है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र एक बार फिर उच्च जोखिम वाला क्षेत्र बन सकता है।

नौवहन उद्योग द्वारा अपने संघों के माध्यम से उच्च जोखिम वाले क्षेत्र का निर्धारण किया जाता है। इसे सभी समुद्री हितधारकों की सूचना के लिए घोषित किया जाता है ताकि उन व्यापार मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा के प्रोटोकॉल लागू किए जा सकें।

सामान्यतया ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में व्यापारियों के लिए ढुलाई की लागत बढ़ जाती है। इसमें माल ढुलाई और बीमा की बढ़ी लागत शामिल है, क्योंकि इस व्यापारिक मार्ग से जोखिम जुड़ जाते हैं।

जहाजरानी मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय को इस सिलसिले में दिसंबर 2023 में पत्र लिखकर इस आशंका से अवगत कराया था। साथ ही जहाजरानी मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था पर लाल सागर संकट के असर की भी आशंका जताई थी।

मंत्रालय ने इस सिलसिले में भेजे गए पत्र में कहा है, ‘परिचालन लागत में बढ़ोतरी से हमारी अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ सकता है। इससे व्यापार, वाणिज्य और जिंसों की कीमतों पर असर पड़ सकता है। हम पश्चिमी हिंद महासागर और अरब सागर में उच्च जोखिम वाले क्षेत्र के फिर से विकसित होने की आशंका पर विचार कर सकते हैं, अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है।’

इस मामले से जुड़े अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा कि यह चिंता संकट की शुरुआत से ही बनी हुई है, लेकिन केंद्र सरकार इस समय उच्च जोखिम वाला क्षेत्र फिर से विकसित होने को बड़ी चिंता का विषय नहीं मान रही है। इस सिलसिले में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने इस अखबार की ओर से मांगी गई जानकारी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

लाल सागर संकट 19 नवंबर 2023 को शुरू हुआ, जब ईरान समर्थित हूतियों ने यमन में मर्चेंट शिप गैलेक्सी लीडर पर पहला हमला किया। अब तक एंटी शिप मिसाइलों, पायरेसी, बैलिस्टिक मिसाइलों और यूएवी से 25 से ज्यादा हमले हो चुके हैं।

एलएसईजी शिपिंग रिसर्च के अनुमान से पता चलता है कि उत्तर पश्चिमी यूरोप और एशिया के बीच टैंकर की आवाजाही के लिए केप ऑफ गुड होप का रास्ता अपनाने से शिपर्स को 10 लाख डॉलर अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं क्योंकि लाल सागर व्यापारिक जहाजों के लिए तेजी से असुरक्षित होता जा रहा है।

लॉजिस्टिक्स उद्योग संगठन के प्रमुख ने कहा, ‘हूती हमलों के कारण युद्ध जोखिम प्रीमियम के रूप में बीमा प्रीमियम पहले ही बढ़ गया है। लेकिन ज्यादा जोखिम वाला क्षेत्र बनने का असर लाल सागर संकट खत्म होने के बाद भी नजर आ सकता है। 2023 में उच्च जोखिम के क्षेत्र का दर्जा खत्म होने के बाद बीमा की लागत कम हुई थी।’

वाणिज्य मंत्रालय इस समय व्यापार पर असर कम करने की कवायद में जुटा है और उसने वित्तीय सेवा विभाग से ऋण का आसान प्रवाह बनाए रखने को कहा है।

First Published - January 30, 2024 | 11:00 PM IST

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