facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

इस साल भारत और चीन का रहेगा वैश्विक विकास में आधे से ज्यादा का योगदान: IMF

Last Updated- February 21, 2023 | 12:21 PM IST
IMF

वैश्विक स्तर पर कई देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, जिनमें अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के देश भी शामिल हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मौजूदा वर्ष में भारत और चीन वैश्विक विकास में 50 फीसदी से अधिक का योगदान देंगे। वहीं एक चौथाई का योगदान एशिया के अन्य देश करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में इस बारे में कहा।

IMF ने कहा कि महामारी के कारण एशिया के कई विकासशील देशों में सप्लाई चेन में दिक्कत आई थी, जो की अब खत्म हो रही है। साथ ही सर्विस सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है।

कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में भी कोरोना महामारी से पहले की तरह ग्रोथ देखने को मिल रही है।

IMF ने यह भी कहा कि एशिया और पैसेफिक देशों में बीते साल के दौरान जो आर्थिक चुनौतियां नजर आई थी उसमें अब सुधार देखने को मिल रहा है।

इसके अलावा, आने वाले साल में भारत में मुद्रास्फीति के कम होने की संभावना है।
IMF के अनुसार, 2023 में ग्रोथ रेट पिछले साल से बढ़ सकता है। बता दें कि बीते साल ग्रोथ रेट 3.8 फीसदी था और इस साल ग्रोथ रेट 4.7 फीसदी तक हो सकता है। इसके अलावा, ग्लोबल अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन नजर आ रहा है जिसकी वजह से यह क्षेत्र फिर से तेजी से उभरेगा।

IMF ने कहा कि सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती करना चाहते हैं। हालांकि, अभी सभी केंद्रीय बैंकों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि मुख्य मुद्रास्फीति अभी भी काफी हाई है। अधिक मांग के कारण चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से ओपन करने की शुरुआत की है जिसके कारण एक बार फिर से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
IMF ने कहा, “इसका मतलब है कि सेंट्रल बैंकों को मूल्य स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करके सावधानी से चलना चाहिए।”

IMF के मुताबिक, एशियाई देशों में महंगाई दर कम होने की आशंका है। हम उम्मीद करते हैं कि वित्तीय और कमोडिटी हेडविंड्स में कमी के बीच, मुद्रास्फीति अगले साल कुछ समय के लिए केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों पर वापस आ जाएगी,
IMF का मानना है कि वित्तीय और कमोडिटी संकट के चलने के बाद अगले वर्ष तक महंगाई दर सेंट्रल बैंकों के टोलरेंस लेवल के अंदर आ सकता है।

First Published - February 21, 2023 | 11:52 AM IST

संबंधित पोस्ट