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Trade deficit: व्यापार घाटा 7 महीने की ऊंचाई पर, मई में निर्यात 9 फीसदी बढ़ा

मई में देश से वस्तु निर्यात 9.13 फीसदी बढ़कर 38.13 अरब डॉलर रहा, इस दौरान आयात 7.7 फीसदी बढ़कर 61.91 अरब डॉलर हो गया

Last Updated- June 14, 2024 | 9:36 PM IST
Shock on economic front, country's trade deficit reaches record high of $37.8 billion in November आर्थिक मोर्चे पर लगा झटका, नवंबर में देश का व्यापार घाटा 37.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा

Trade deficit: भारत का व्यापार घाटा मई में 23.78 अरब डॉलर हो गया, जो सात महीने में सबसे ज्यादा है। पेट्रोलियम, खाद्य तेल और परिवहन उपकरणों का आयात बढ़ने से व्यापार घाटे में बढ़ोतरी हुई है।

वा​णिज्य विभाग द्वारा आज जारी आकड़ों से पता चलता है कि मई में देश से वस्तु निर्यात 9.13 फीसदी बढ़कर 38.13 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 7.7 फीसदी बढ़कर 61.91 अरब डॉलर हो गया। कुल आयात में पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी करीब 32 फीसदी रही और मई में इनका आयात 28 फीसदी बढ़कर 19.95 अरब डॉलर रहा।

वा​णिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि जब तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी मुद्रा आ रहे हैं तब तक केवल व्यापार घाटा बढ़ने से चिंता नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘जब आपकी अर्थव्यवस्था बाकी देशों से तेज बढ़ रही हो तो आयातित वस्तुओं की मांग बढ़ती है और देसी उत्पादों की मांग भी बढ़ती है। इसलिए आपके पास निर्यात के लिए कम माल बचेगा क्योंकि आयात की जाने वाली ज्यादातर वस्तुएं देसी बाजार में होंगी। यह दो बातों पर निर्भर करता है – देसी उत्पाद आयात होने वाले कितने सामान की जगह ले लेते हैं और अर्थव्यवस्था कितनी तेजी से बढ़ती है।’

पेट्रोलियम उत्पादों के अलावा परिवहन उपकरण (31.88 फीसदी), चांदी (408 फीसदी), खाद्य तेल (27.5 फीसदी) और दालों (181 फीसदी) का आयात भी बढ़ा है। बड़थ्वाल ने कहा कि निर्यात में उन्हें आगे भी वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘एक महीने में ही हमारा निर्यात 3 अरब डॉलर बढ़ना नई सरकार के आने के बाद शुभ संकेत है। इससे पता चलता है कि प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति नीचे आ रही है। विकसित देशों में महंगाई कम होने से लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ेगी और मांग में भी इजाफा होगा।’

निर्यात में इजाफा मुख्य तौर पर पेट्रोलियम उत्पादों (15.75 फीसदी), इंजीनियरिंग वस्तुओं (7.39 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (22.97 फीसदी) और कपड़े (9.84 फीसदी) की मांग बढ़ने से हुआ। पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषण के अलावा बाकी वस्तुओं के निर्यात को आम तौर पर निर्यात की सेहत मापने का पैमाना माना जाता है। पिछले साल मई के मुकाबले यह 8.8 फीसदी बढ़कर 28.6 अरब डॉलर रहा।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि तेल के शुद्ध आयात में उछाल के कारण वस्तु व्यापार घाटा बढ़ गया। उन्होंने कहा, ‘ तेल की कीमतें कम होने के कारण इसका जमकर आयात किया गया, जिस कारण अप्रैल के मुकाबले मई में वस्तु व्यापार घाटा 71 फीसदी बढ़ गया। अप्रैल से मई 2024 के दौरान वस्तु व्यापार घाटे में साल भर पहले के मुकाबले 6 अरब डॉलर के इजाफे के कारण इस तिमाही में चालू खाते का घाटा जीडीपी के 1.5 फीसदी तक पहुंच सकता है, जो पिछली तिमाही में जीडीपी का 1.1 फीसदी था।’

मई में सेवाओं का निर्यात 11.7 फीसदी बढ़कर 30.16 अरब डॉलर हो गया और आयात 8.8 फीसदी बढ़कर 17.28 अरब डॉलर हो गया। इस प्रकार 12.88 अरब डॉलर अधिशेष रहा। मई का सेवा व्यापार आंकड़ा अनुमानित है और भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इसमें बदलाव किया जाएगा।

इस बीच देश में निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, पश्चिम एशिया और अमेरिका से मांग बढ़ने से निर्यात में ज्यादा वृद्धि होगी। इससे ऑर्डर बुकिंग में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है और यह श्रम बहुल क्षेत्रों के निर्यात में सुधार का संकेत है।

First Published - June 14, 2024 | 9:36 PM IST

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