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निजी बंदरगाहों पर ढुलाई तेजी से बढ़ी, सरकारी बंदरगाहों की वृद्धि दर कम

प्रमुख बंदरगाहों की इस महीने के दौरान विदेशी माल ढुलाई में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि तटीय माल ढुलाई करीब 8 प्रतिशत गिरकर 150 लाख टन हो गई।

Last Updated- January 21, 2024 | 10:28 PM IST
निजी बंदरगाहों पर ढुलाई तेजी से बढ़ी, सरकारी बंदरगाहों की वृद्धि दर कम , Private, state ports' growth outpaces central counterparts till Q3 FY24

देश के निजी और राज्य सरकार संचालित बंदरगाह (गैर प्रमुख बंदरगाह) वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तीन तिमाहियों में तेजी से बढ़े जबकि केंद्र सरकार संचालित (प्रमुख बंदरगाहों) की वृद्धि दर अपेक्षाकृत कम रही। यह जानकारी ढुलाई के आंकड़े से मिली।

अप्रैल और दिसंबर के दौरान प्रमुख बंदरगाहों की माल ढुलाई 5 प्रतिशत बढ़कर 60.4 करोड़ टन हो गई जबकि गैर प्रमुख बंदरगाहों की ढुलाई 11 प्रतिशत बढ़कर 53.1 करोड़ टन हो गई। केंद्र सरकार के संचालित बंदरगाहों से दिसंबर, 2023 के दौरान 699 लाख टन माल की ढुलाई हुई और इसमें 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हई जबकि इस दौरान गैर प्रमुख बंदरगाहों ने बीते साल की तुलना में 8.1 प्रतिशत ज्यादा 581 लाख टन माल की ढुलाई की।

प्रमुख बंदरगाहों की इस महीने के दौरान विदेशी माल ढुलाई में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि तटीय माल ढुलाई करीब 8 प्रतिशत गिरकर 150 लाख टन हो गई। इससे कुल माल ढुलाई करीब सपाट रही।

दिसंबर में गैर प्रमुख बंदरगाहों से विदेश को भेजे जाने वाले कार्गो में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि तटीय माल ढुलाई में 0.03 प्रतिशत की गिरावट आई।

विशेषज्ञों के मुताबिक तमिलनाडु बिजली बोर्ड के तापीय कोयले की ढुलाई विशाखापट्टनम बंदरगाह की जगह आंध्र प्रदेश के गंगवरम बंदरगाह से हुई। इससे 2023-24 में आंध्र प्रदेश मैरीटाइम बोर्ड का तटीय ट्रैफिक 59 प्रतिशत बढ़ गया।
ओडिशा के गैर प्रमुख बंदरगाहों के तटीय कार्गो में करीब 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि इसका निम्न आधार 2 लाख टन था।

इस वित्त वर्ष में प्रमुख बंदरगाहों से भेजे जाने वाले माल में सर्वाधिक गिरावट खाद्यान्न में आई। इसमें दालों की खेप में सर्वाधिक 82 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बाद सीमेंट में 18.3 प्रतिशत, चीनी में 9.5 प्रतिशत, कोकिंग कोल में 6.7 प्रतिशत, अन्य जिंसों में 6 प्रतिशत और रसायन में 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई।

गुजरात के दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट या कांडला बंदरगाह में 2023-24 के दौरान विदेशी माल ढुलाई करीब 70 लाख टन कम हुई। प्रमुख बंदरगाह प्राथमिक तौर पर खाद्यान्न, कोयला और इमारती लकड़ी की खेप भेजते हैं। कुल ढुलाई में प्रमुख बंदरगाहों की हिस्सेदारी करीब 16 प्रतिशत है।

अधिकारियों के अनुसार गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के कारण इन बंदरगाहों पर खासा असर पड़ा था। दूसरी तरफ, गुजरात के निजी बंदरगाह से विदेशों को भेजे जाने वाली खेप 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ी।

इस गिरावट के कारण कांडला बंदरगाह से सर्वाधिक ढुलाई (प्रमुख बंदरगाहों में) करने का खिताब छीन गया और यह स्थान ओडीशा के पारद्वीप बंदरगाह ने हासिल किया। पारद्वीप बंदरगाह से ढुलाई 14 प्रतिशत बढ़ी और इसने कुल 10.5 करोड़ टन कार्गो की ढुलाई की।

इस वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में अंतर्देशीय जलीय मार्गों से 9.2 करोड़ टन कार्गो की ढुलाई हुई जो वित्त वर्ष 23 की तुलना में समान रहा।

First Published - January 21, 2024 | 10:28 PM IST

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