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रिन्यूएबल एनर्जी को भारी कर्ज देगी REC! लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का होगा निवेश

REC इन कंपनियों की हरित परियोजनाओं को कर्ज देगी। इनमें सौर, पवन, हरित हाइड्रोजन, डीकार्बनाइजेशन, बैटरी भंडारण सहित विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं।

Last Updated- July 20, 2023 | 10:36 PM IST
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बिजली क्षेत्र को ऋण देने वाली अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) आरईसी लिमिटेड (REC Ltd) और 20 रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के बीच समझौते होने की खबर है। इन ऊर्जा कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भी हैं और निजी कंपनियां भी।

REC इन कंपनियों की हरित परियोजनाओं को कर्ज देगी। इनमें सौर, पवन, हरित हाइड्रोजन, डीकार्बनाइजेशन, बैटरी भंडारण सहित विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन परियोजनाओं के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे।

भारत इस वर्ष G-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है और यह MoU इस सम्मेलन से जुड़ी चर्चा का हिस्सा हैं। एनर्जी ट्रांजिशन वर्किंग ग्रुप की चौथी एवं अंतिम बैठक गोवा में चल रही है। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि MoU के तहत भारत में काम कर रही देसी और विदेशी दोनों तरह की कंपनियों को कर्ज मिलेगा।

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इन परियोजनाओं के लिए कम ब्याज दरों पर कर्ज दिया जाएगा। कर्ज में मिलने वाली रकम इस क्षेत्र में आने वाली नई और महंगी प्रौद्योगिकी के लिए धन की कमी को पाटेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ब्याज दर ताप विद्युत परियोजनाओं को दिए जाने वाले कर्ज की ब्याज दर से वैसे भी कम होती है। इस कर्ज का मकसद बड़े आकार की परियोजनाओं, खासकर नई तकनीक वाली परियोजनाओं की लागत का अंतर पाटना है।’

सूत्रों ने कहा कि REC अपने पोर्टफोलियो में हरित परियोजनाओं की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। REC आम तौर पर ताप विद्युत परियोजनाओं एवं बिजली वितरण क्षेत्रों के लिए कर्ज देती रही है। REC कई केंद्र प्रायोजित योजनाएं भी चला रही हैं। इनके तहत राज्य ऊर्जा एवं बिजली विभागों को अनुदान दिए जाते हैं। मगर कंपनी अब केवल इन क्षेत्रों पर ही केंद्रित नहीं रहकर अपने कारोबार में विविधता लाने में जुट गई है।

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REC के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक विवेक कुमार देवांगन ने मई में कहा था कि कंपनी अपने ऋण खाते में हरित ऊर्जा क्षेत्रों की हिस्सेदारी 2030 तक मौजूदा 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक पहुंचाना चाहती है। देवांगन ने तब कहा था, ‘हमारे खाते परंपरागत या कोयले से चलने वाली परियोजनाओं की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत और अक्षय ऊर्जा की 6.8 प्रतिशत है। वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक करेंगे।‘

REC ने MoU से जुड़ी खबरों पर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मगर सूत्रों ने संकेत दिए कि कंपनी विदेश से रकम जुटाने और भारत में सस्ते ऋण देने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।

First Published - July 20, 2023 | 10:36 PM IST

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