facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

WPI Inflation : जनवरी में घटकर दो साल के निचले स्तर 4.73 प्रतिशत पर 

Last Updated- February 14, 2023 | 7:04 PM IST
SBI research report

मैन्युफैक्चर्ड वस्तुओं, फ्यूल और बिजली की कीमतों में कमी आने से थोक मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) जनवरी में लगातार आठवें महीने घटकर दो साल के निचले स्तर 4.73 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, खाद्य वस्तुओं (Food Items) की महंगाई ऊंची बनी हुई है।

यह लगातार आठवां महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर घटी है। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2022 में 4.95 प्रतिशत और जनवरी, 2022 में 13.68 प्रतिशत थी। ‍

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, “जनवरी, 2023 में मुद्रास्फीति में गिरावट खनिज तेल, रसायन और उसके उत्पाद, कपड़ा, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के दाम घटने के कारण आई।”

मैन्युफैक्चर्ड वस्तुओं के मामले में महंगाई नरम लेकिन खाद्य वस्तुओं के मामले में गरम 

इकोनॉमिस्ट के अनुसार, मुख्य रूप से अनुकूल तुलनात्मक आधार से महंगाई दर में कमी आई है। आने वाले समय में जिंसों के दाम में नरमी से थोक महंगाई दर में कमी लाने में मदद मिलेगी। हालांकि, विनिर्मित वस्तुओं के मामले में मुद्रास्फीति नरम हुई है। लेकिन खाद्य वस्तुओं की महंगाई जनवरी में बढ़कर 2.38 प्रतिशत हो गई। दिसंबर, 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.25 प्रतिशत घटी थी।

समीक्षाधीन महीने में दालों की महंगाई 2.41 प्रतिशत थी, जबकि सब्जियां 26.48 प्रतिशत सस्ती हुईं। तिलहन की मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में 4.22 प्रतिशत घटी।

ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई दिसंबर, 2022 में 18.09 प्रतिशत से कम होकर जनवरी, 2023 में 15.15 प्रतिशत रह गई। विनिर्मित उत्पादों में यह 2.99 प्रतिशत रही जबकि दिसंबर, 2022 में यह 3.37 प्रतिशत रही थी।

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘उच्च तुलनात्मक आधार और वैश्विक स्तर पर कीमतों में नरमी से विनिर्माण क्षेत्र में मूल्य कम हुए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि हाल-फिलहाल उत्पादन लागत स्थिर बनी रहेगी। खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से मुद्रास्फीति सूचकांक ऊंचा है और यह चिंता का कारण है। खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है।’’

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशस्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि अगले दो माह में थोक मुद्रास्फीति और नीचे आ सकती है तथा मार्च में चार प्रतिशत के आसपास रह सकती है। जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक में कमी खुदरा मुद्रास्फीति के उलट है।

सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गयी जो दिसंबर, 2022 में 5.72 प्रतिशत थी।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में महंगाई को काबू में लाने के मकसद से नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।

First Published - February 14, 2023 | 6:51 PM IST

संबंधित पोस्ट