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WPI Inflation: अगस्त में थोक महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर पर; सब्जियों, खाने-पीने की चीजों और ईंधन के दाम में आई गिरावट

मौद्रिक नीति पर फैसला करने के लिए रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई दर पर नजर रखता है और थोक महंगाई दर में कमी आने से खुदरा महंगाई कम रखने में मदद मिल सकती है।

Last Updated- September 17, 2024 | 9:59 PM IST
Retail Inflation: Retail inflation remains at 5.22 percent, hopes of interest rate cut bleak खुदरा महंगाई रह गई 5.22 फीसदी, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद हुई धूमिल

WPI Inflation: भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर अगस्त में कम होकर 4 महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई है। जुलाई में यह 2.04 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई गिरावट के कारण ऐसा हुआ है। मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक माह के दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 3.11 प्रतिशत रही, जो जुलाई में 3.45 प्रतिशत थी।

आंकड़ों के मुताबिक अन्य प्रमुख उप संकेतकों जैसे विनिर्मित वस्तु की कीमत में भी गिरावट आई है। इस बीच ईंधन और बिजली की कीमत में भी गिरावट देखी गई।
खाद्य वस्तुओं में मोटे अनाज (8.44 प्रतिशत), धान (9.12 प्रतिशत) और दलहन (18.57 प्रतिशत) की कीमत कम हुई है। वहीं प्याज (65.75 प्रतिशत) की कीमत में मामूली कमी के बावजूद अभी भी इसमें महंगाई दो अंक में बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ आलू (77.96 प्रतिशत) और फलों (16.7 प्रतिशत) की कीमत अगस्त महीने में अधिक हुई हैं।

इक्रा रेटिंग्स में वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि सितंबर महीने में भी ज्यादातर खाद्य वस्तुओं की कीमत में कमी आई है, लेकिन प्रतिकूल आधार के कारण चल रहे महीने के दौरान खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में महंगाई दर काफी बढ़ी हुई नजर आएगी।

उन्होंने कहा, ‘सितंबर महीने में थोक महंगाई दर में वृद्धि का दबाव है। खरीफ की बोआई अब तक बेहतर रही है, वहीं चालू माह में हो रही अतिरिक्त बारिश से खरीफ की फसल काटने में देरी होगी और इसका असर उपज पर भी पड़ सकता है। हालांकि जलाशयों का स्तर बेहतर है और इससे रबी की फसलों की बोआई को बल मिल सकता है।’

सूचकांक में विनिर्मित उत्पादों का अधिभार 64.2 प्रतिशत है। इसकी महंगाई दर भी अगस्त महीने में घटकर 1.22 प्रतिशत रह गई है, जो जुलाई में 1.58 प्रतिशत थी।
इसकी वजह विनिर्मित खाद्य वस्तुओं (3.61 प्रतिशत), बेवरिज (1.9 प्रतिशत) टेक्सटाइल्स (1.79 प्रतिशत), लकड़ी के सामान (3.16 प्रतिशत) और फार्मास्यूटिकल्स (1.97 प्रतिशत) के साथ अन्य वस्तुओं की महंगाई दर में आई कमी है।

ईंधन और बिजली की महंगाई दर (-0.67 प्रतिशत) में संकुचन आया है। हाई स्पीड डीजल (-3.03 प्रतिशत) और पेट्रोल (-4.23 प्रतिशत) की कीमतें इस माह के दौरान भी कम हुईं। हालांकि रसोई गैस की कीमत 14.4 प्रतिशत बढ़ी है।

थोक महंगाई दर में कमी के आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब कुछ समय पहले अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर मामूली बढ़कर 3.65 प्रतिशत रहने के आंकड़े आए थे, जो जुलाई में 3.6 प्रतिशत थी। हालांकि यह दर भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि लक्ष्य से कम है। यह 5 साल में दूसरी बार 4 प्रतिशत से कम है।

मौद्रिक नीति पर फैसला करने के लिए रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई दर पर नजर रखता है और थोक महंगाई दर में कमी आने से खुदरा महंगाई कम रखने में मदद मिल सकती है।

First Published - September 17, 2024 | 9:44 PM IST

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