facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

होर्मुज स्ट्रेट संकट पर भारत ने कच्चे तेल रणनीति में किया बड़ा बदलाव, रूस से तेल आयात में की बढ़ोतरी

ईरान-इजरायल तनाव के बीच भारत ने तेल आपूर्ति की सुरक्षा पर जोर दिया और रूस से आयात बढ़ाकर होर्मुज स्ट्रेट पर निर्भरता कम करने की रणनीति को तेज किया।

Last Updated- June 24, 2025 | 11:17 PM IST
Strait of Hormuz crisis
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से लागू किए गए युद्धविराम का ईरान और इजरायल दोनों ने मंगलवार को उल्लंघन किया। ईरानी संसद ने होर्मुज स्ट्रेट बंद करने का जो फैसला लिया है, उसे अब भी लागू किया जा सकता है। इससे भारत के कच्चे तेल आयात पर असर होने की चिंता बढ़ गई है। पिछले साल भारत ने प्रतिदिन लगभग 49 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया था, जिसमें से 39 प्रतिशत इसी रास्ते से आया था। हाल के वर्षों में भारत ने कच्चे तेल का काफी आयात रूस से शुरू कर दिया है।

वर्ष 2021-22 में देश के कुल कच्चे तेल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी केवल 1.9 प्रतिशत थी और 25.6 प्रतिशत तेल इराक से आया था। लेकिन 2024-25 तक भारत के कुल कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई और इराक की घटकर 18 प्रतिशत रह गई। 

फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच स्थित होर्मुज स्ट्रेट चीन, भारत और दक्षिण कोरिया जैसी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण समुद्री रास्ता है। भारत ने भले ही इस रास्ते से कच्चे तेल का आयात कम कर दिया है मगर इसकी अहमियत बनी हुई है। कच्चा तेल आयात करने के लिए इस्तेमाल होने वाले चार प्रमुख समुद्री रास्तों में यह सबसे महत्त्वपूर्ण है।

2023 में 43 प्रतिशत तेल का आयात इसी रास्ते से हुआ था। डेनिश स्ट्रेट से 23 प्रतिशत और तुर्की स्ट्रेट से 11 प्रतिशत तेल आया था।  होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते कच्चा तेल आयात करने वाले देशों में चीन को हटा दें तो शीर्ष 6 देशों का 2024 का तेल आयात 2022 की तुलना में कम हुआ या उतना ही बना रहा। भारत अब भी सबसे ज्यादा तेल होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते ही आयात कर रहा है।   

 

First Published - June 24, 2025 | 11:01 PM IST

संबंधित पोस्ट