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Mutual Fund में SIP के जरिये निवेश इस साल बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

एसआईपी के जरिये न्यूनतम निवेश की सीमा को 250 रुपये करने के सेबी (SEBI) के निर्णय से आने वाले समय में इस निवेश राशि में और उछाल आने की संभावना है।

Last Updated- December 13, 2023 | 5:07 PM IST
SIP investment

व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIPs) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश साल 2023 के पहले 11 महीनों में बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये हो गया। उद्योग निकाय एम्फी ने यह जानकारी दी है।

एसआईपी के जरिये न्यूनतम निवेश की सीमा को 250 रुपये करने के सेबी (SEBI) के निर्णय से आने वाले समय में इस निवेश राशि में और उछाल आने की संभावना है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल नवंबर तक एसआईपी के जरिये किया गया कुल निवेश 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा। यह राशि 2022 के समूचे साल में 1.5 लाख करोड़ रुपये, 2021 में 1.14 लाख करोड़ रुपये, 2020 में 97,000 करोड़ रुपये रही थी।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य कारोबार अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने उम्मीद जताई कि समग्र एसआईपी भागीदारी में साल-दर-साल लगातार स्वस्थ दर से वृद्धि जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्साही आर्थिक दृष्टिकोण और बढ़ी हुई बाजार भागीदारी के साथ एक अनुशासित और सुलभ निवेश विकल्प के रूप में एसआईपी को निवेशकों का साथ बने रहने की संभावना है। स्वस्थ रिटर्न की संभावना को देखते हुए एसआईपी में तेजी का रुझान समूचे 2024 तक जारी रहने की उम्मीद है।’’

उद्योग विशेषज्ञों ने निवेश में वृद्धि के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें एम्फी की तरफ से फैलाई जा रही जागरूकता, जनसांख्यिकी, इक्विटी निवेश पर मजबूत रिटर्न और निवेश में सहूलियत शामिल हैं।

एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा को 250 रुपये करने का फैसला

एसआईपी म्यूचुअल फंड कंपनियों की तरफ से पेश एक निवेश पद्धति है। इसमें एक व्यक्ति एकमुश्त निवेश के बजाय किसी चुनी हुई योजना में समय-समय पर निश्चित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश कर सकता है।

वर्तमान में एसआईपी की न्यूनतम मासिक किस्त 500 रुपये तक हो सकती है। लेकिन बाजार नियामक सेबी ने इसे और लोकप्रिय बनाने के लिए एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा को 250 रुपये करने का फैसला किया है।

आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए बालसुब्रमण्यम ने पीटीआई-भाषा से कहा कि छोटे आकार की एसआईपी होने से आबादी के निम्न आय वर्ग के लिए भी म्यूचुअल फंड में निवेश के दरवाजे खोलेंगे।

मासिक एसआईपी अंशदान दिसंबर, 2022 के 11,305 करोड़ रुपये से बढ़कर नवंबर, 2023 में 17,073 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। इससे पहले, सितंबर और अक्टूबर में एसआईपी से मासिक योगदान 16,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा था।

First Published - December 13, 2023 | 5:02 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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