facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

75% भारतीय कर रहे बड़ी गलती! इलाज और बीमा की असली कीमत से बेखबर – पॉलिसीबाजार की नई रिपोर्ट में खुलासा

लोग हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस की असली जरूरत और खर्चों का सही अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं

Last Updated- April 17, 2025 | 7:22 PM IST
Health Insurance for Women

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म पॉलिसीबाजार ने अपनी रिपोर्ट How India Buys Insurance 2.0 लॉन्च की है। यह रिपोर्ट बताती है कि देश में बीमा को लेकर लोगों में जागरूकता अब भी बहुत कम है। खासकर हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस को लेकर लोग न तो पूरी जानकारी रखते हैं और न ही इनकी असली जरूरत और खर्चों का सही अंदाजा लगा पाते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों में से 75% लोगों का बीमा कवर 10 लाख रुपये या उससे कम का है। कई लोगों को गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर या हार्ट की सर्जरी का असली खर्च भी नहीं पता। लगभग 51% लोगों को लगता है कि इन बीमारियों का इलाज 5 लाख रुपये से कम में हो सकता है, जबकि हकीकत में यह खर्च कहीं ज्यादा होता है।

हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत तो समझी, पर कवरेज अभी भी कम

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अब लोग हेल्थ इंश्योरेंस को ज़रूरी मानने लगे हैं। करीब 28.3% लोगों ने इसे अपने टॉप 3 वित्तीय उत्पादों में गिना है। उन्होंने इसे म्यूचुअल फंड, सरकारी बॉन्ड और इक्विटी जैसे निवेश विकल्पों से भी ऊपर रखा है। इसके बावजूद, ज़्यादातर लोगों ने केवल 5 लाख तक का ही कवरेज लिया है, जो मेडिकल महंगाई को देखते हुए काफी कम है।

सर्वे में पाया गया कि लगभग 47.6% भारतीय अभी भी टर्म इंश्योरेंस और इसके फायदों से अनजान हैं। हालांकि, अब इस दिशा में सुधार हो रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2024 में टर्म इंश्योरेंस की बिक्री में 18% की बढ़त हुई है, जबकि इससे पहले यह आंकड़ा हर साल औसतन सिर्फ 2% रहा था।

बीमा न लेने की वजह सिर्फ जानकारी की कमी नहीं

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बीमा न लेने वाले कई लोग अपने परिवार की जरूरतों को भी कम आंकते हैं। लगभग 87% ऐसे लोग हैं जो जीवन बीमा की योजना बनाते समय बच्चे की पढ़ाई, शादी, लोन चुकाने और मेडिकल खर्च जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं देते। एक्सपर्ट मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अपनी सालाना आय का कम से कम 15 से 20 गुना बीमा कवर लेना चाहिए।

पॉलिसीबाजार के सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा कि यह रिपोर्ट दिखाती है कि लोग खुद से बीमा नहीं खरीदते, उन्हें इसके लिए प्रेरित करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब भी लोग बीमा लेने के बजाय परेशानी के वक्त घर या जमीन बेचने या उधार लेने की सोचते हैं। ऐसे में इंडस्ट्री की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह जागरूकता बढ़ाए और बीमा को लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बनाए।

देश भर के लोगों की राय पर आधारित है रिपोर्ट

यह रिपोर्ट 3,955 लोगों के जवाबों पर आधारित है, जो देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं। रिपोर्ट का मकसद लोगों को ज्यादा सूझबूझ से वित्तीय फैसले लेने में मदद करना है।

 

Trump Tariff से डरना क्यों जरूरी, सबसे ज्यादा सवा 11 लाख करोड़ का है India- US Trade

 

US में मुश्किल में आई TCS, EEOC करेगा गंभीर आरोपों की जांच

First Published - April 17, 2025 | 6:19 PM IST

संबंधित पोस्ट