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Hyundai Motor India IPO: दांव लगाने से पहले इन जोखिमों पर जरूर करें विचार, फिर बनाए निवेश की योजना

Hyundai Motor India IPO: ह्युंडै मोटर इंडिया आईपीओ से लगभग 3.3 अरब डॉलर (27,870.16 करोड़ रुपये से अधिक) जुटाने की योजना बना रही है। इस IPO में कोई नए शेयर जारी नहीं किए जाएंगे

Last Updated- October 14, 2024 | 12:58 PM IST
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Hyundai Motor India IPO: भारत के सबसे बड़े और बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) में से एक, ह्युंडै मोटर इंडिया का IPO मंगलवार, 15 अक्टूबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और गुरुवार, 17 अक्टूबर 2024 को बंद होगा। इस IPO को लेकर बाजार में काफी हलचल है। इसी बीच ब्रोकरेज फर्म मिराए एसेट (Mirae Asset) ने कुछ जोखिमों पर ध्यान दिलाया है, जिन पर निवेशकों को सब्सक्रिप्शन से पहले विचार करना चाहिए।

ह्युंडै मोटर इंडिया आईपीओ से जुटाएगी 27,870.16 करोड़ रुपये

ह्युंडै मोटर इंडिया आईपीओ से लगभग 3.3 अरब डॉलर (27,870.16 करोड़ रुपये से अधिक) जुटाने की योजना बना रही है। इस IPO में कोई नए शेयर जारी नहीं किए जाएंगे। यह IPO पूरी तरह से उसके दक्षिण कोरियाई पेरेंट कंपनी द्वारा 142,194,700 शेयर (14.22 करोड़ शेयर) या 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से रिटेल और अन्य निवेशकों को बेचने पर आधारित है।

चूंकि यह सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से ओएफएस पर आधारित है, इसलिए एचएमआईएल को आईपीओ से कोई प्रत्यक्ष राशि नहीं मिलेगी। हालांकि, कंपनी ने उम्मीद जताई है कि शेयरों की सूचीबद्धता से उसकी ब्रांड इमेज और बाजार में तरलता बढ़ेगी।

ह्युंडै मोटर इंडिया आईपीओ का प्राइस बैंड

ह्युंडै मोटर इंडिया के आईपीओ का प्राइस बैंड 1,865 रुपये से 1,960 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया गया है, जिसका फेस वैल्यू 10 रुपये है। किसी एप्लिकेशन के लिए न्यूनतम लॉट साइज सात शेयर है, जिसका अर्थ है कि निवेशक न्यूनतम सात शेयरों और उसके गुणकों में बोली लगा सकते हैं। अस्थायी तौर पर, खुदरा निवेशकों के लिए आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि 13,720 रुपये है।

ह्युंडै मोटर इंडिया आईपीओ रजिस्ट्रार की डिटेल्स

ह्युंडै मोटर इंडिया का आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजरों में कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स, जेपी मॉर्गन इंडिया और मॉर्गन स्टेनली इंडिया शामिल हैं। Kfin Technologies इस इश्यू का रजिस्ट्रार है।

Also read: Hyundai Motor India IPO: कल खुलेगा ह्युंडै का आईपीओ, निवेश से पहले जान लें ये 8 जरूरी बातें 

ह्युंडै मोटर आईपीओ के लिए मिराए एसेट द्वारा उजागर किए गए प्रमुख जोखिमों की लिस्ट

ह्युंडै मोटर कंपनी की दो ग्रुप कंपनियों, किआ कॉर्पोरेशन और किआ इंडिया, के बीच हितों का टकराव हो सकता है क्योंकि वे एक ही जैसे बिजनेस सेगमेंट में काम करती हैं।

कंपनी कुछ सीमित सप्लायर्स पर अपने पार्ट्स और मटेरियल्स के लिए निर्भर करती है। संचालन के लिए आवश्यक पार्ट्स और मटेरियल्स की कीमतों में वृद्धि से कंपनी के व्यवसाय और परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

कलपुर्जों और सामग्रियों की कीमतों में कोई भी वृद्धि कंपनी के व्यवसाय और संचालन परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स) या अन्य यात्री वाहन मॉडलों की मांग में कमी या निर्माण में कोई व्यवधान आता है तो ऑटोमोबाइल कंपनी का बिजनेस प्रभावित हो सकता है। ह्युंडै मोटर इंडिया भारतीय बाजार में एसयूवी मॉडल की बिक्री पर काफी हद तक निर्भर करती है।
ह्युंडै मोटर इंडिया की दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मकता इस बात पर निर्भर करती है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार का विकास और वैकल्पिक ईंधन का अपनाना किस दिशा में जाता है। अगर कंपनी इन बाजार प्रवृत्तियों को पहचानने में असफल होती है और ग्राहकों की EV की मांगों को पूरा नहीं कर पाती है, तो इसका संचालन प्रभावित हो सकता है।

ह्युंडै मोटर इंडिया (HMIL) के बारे में

ह्युंडै मोटर इंडिया, हुंडई मोटर कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) है। ह्युंडै मोटर इंडिया की स्थापना 6 मई 1996 को ह्युंडै मोटर कंपनी द्वारा की गई थी।

हुंडई मोटर इंडिया की विविध पोर्टफोलियो में सेडान, हैचबैक, एसयूवी और ईवी जैसे विभिन्न सेगमेंट्स में 13 यात्री वाहन मॉडल हैं।

First Published - October 14, 2024 | 12:58 PM IST

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