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जो संस्था रजिस्टर नहीं, उससे 3 माह में संबंध तोड़ लेंः सेबी

नियमों को आमतौर पर फाइनैंशियल इन्फ्लुएंसर अथवा फिनफ्लुएंसर दिशानिर्देश भी कहा जाता है। बाजार में भ्रामक जानकारी फैलाने अथवा हेरफेर रोकने के लिए नियामक ने यह कदम उठाया है।

Last Updated- October 22, 2024 | 9:31 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मंगलवार को पंजीकृत संस्थाओं और उनके एजेंटों को उन लोगों के साथ जुड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है जो बगैर पंजीकरण के वित्तीय सलाह देते हैं और प्रतिभूति बाजार में अच्छे रिटर्न दिलाने का वादा करते हैं।

इन नियमों को आमतौर पर फाइनैंशियल इन्फ्लुएंसर अथवा फिनफ्लुएंसर दिशानिर्देश भी कहा जाता है। बाजार में भ्रामक जानकारी फैलाने अथवा हेरफेर रोकने के लिए नियामक ने यह कदम उठाया है। सेबी ने जून में अपनी बोर्ड बैठक में इससे जुड़े फैसलों को मंजूरी दी थी और अब मसौदा परिपत्र जारी किया है।

सेबी ने कहा, ‘बोर्ड से नियमन वाला व्यक्ति (मान्यता प्राप्त शेयर बाजार, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी सहित) और उनके एजेंटों को सलाह दी जाती है कि इस परिपत्र में उल्लेख किए गए किसी व्यक्ति के साथ अगर उनका अनुबंध है तो वह परिपत्र जारी होने के तीन महीने के भीतर इसे खत्म कर दें।’

बाजार नियामक ने मंगलवार को खास डिजिटल प्लेटफॉर्मों को मान्यता देने के लिए भी एक परामर्श पत्र और मसौदा परिपत्र जारी किया है, जिसके साथ पंजीकृत संस्थाओं को जुड़ने की अनुमति दी जाएगी।

इसके तहत केवल उन्हीं प्लेटफॉर्मों को मान्यता दी जाएगी जिनके पास कार्रवाई करने और रोकथाम के लिए तंत्र होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्लेटफॉर्म का उपयोग गैर-पंजीकृत संस्थाओं के साथ जुड़ने के लिए नहीं किया जा रहा है।

सेबी के अधिकारियों ने संकेत दिया था कि नियामक ने अनुरोध मिलने के 24 घंटों के भीतर यूट्यूब और मेटा सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कई हजारों भ्रामक लिंक और सामग्री को सफलतापूर्वक हटा दिया है।

First Published - October 22, 2024 | 9:15 PM IST

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