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SEBI के कर्मचारियों में असंतोष का मामला; नियामक ने पुराना बयान वापस लिया, चिंता दूर करेगा

कर्मचारियों का यह विरोध अगस्त की शुरुआत से है जब कर्मचारियों ने बाजार नियामक के मुंबई स्थित मुख्यालय में 15 मिनट का मौन विरोध किया था।

Last Updated- September 16, 2024 | 10:39 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को कहा कि वह अंदरूनी मामलों पर विरोध करने वाले कर्मचारियों की चिंताओं को मेलमिलाप के साथ सुलझा रही है। साथ ही बाजार नियामक ने अपनी उस प्रेस विज्ञप्ति को वापस ले लिया है जिसमें उसने दावा किया था कि बाहरी तत्त्वों से प्रभावित होकर कर्मचारी शिकायत कर रहे हैं।

सेबी के हालिया बयान में कहा गया है, ‘सभी ग्रेड के अधिकारियों के प्रतिनिधियों के साथ रचनात्मक चर्चा के बाद सेबी और उसके कर्मचारियों ने फिर से कहा है कि ऐसे मुद्दे पूरी तरह से आंतरिक हैं और संगठन के प्रशासन के उच्च मानकों के अनुसार और समयबद्ध ढांचे के भीतर सुलझा लिए जाएंगे।’

सेबी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले एक महीने से उसके कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों का यह विरोध अगस्त की शुरुआत से है जब कर्मचारियों ने बाजार नियामक के मुंबई स्थित मुख्यालय में 15 मिनट का मौन विरोध किया था। सेबी के कर्मचारियों ने 6 अगस्त को वित्त मंत्रालय को ईमेल कर खराब कार्य संस्कृति पर चिंता जताई थी और अपनी अन्य मांगें भी रखी थीं।

कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि शीर्ष स्तर के अधिकारी गैर-पेशेवर भाषा का इस्तेमाल करते हैं, काम के ज्यादा घंटों के लिए मजबूर करते हैं और अवास्तविक कार्य स्थल बना रहे हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है।

इसके बाद सेबी ने बीते 4 सितंबर को पांच पन्नों का बयान जारी कर मानव संसाधन संकट पर अपना रुख स्पष्ट किया था और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों का खंडन किया था। नियामक ने कहा था कि उसके कनिष्ठ कर्मचारियों को स्वतः पदोन्नति के बारे में गुमराह किया गया था और यह धारणा थी कि सालाना सीटीसी 34 लाख रुपये पर उनको कम भुगतान किया जाता है।

सेबी के इस बयान के अगले दिन ही करीब 500 कर्मचारियों ने इस बयान को वापस लेने और चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लगातार हमलों के कारण सेबी की चेयरपर्सन पहले से ही विवादों से घिरी हैं।

सेबी ने कहा, ‘कर्मचारियों ने आंतरिक संचार को अनधिकृत रुप से जारी करने की कड़ी निंदा की है और कहा कि उन्होंने उचित आंतरिक तंत्र के जरिये सभी चिंताओं को निराकरण करने की पुष्टि की है। ‘ बाजार नियामक ने कहा कि सेबी का मानना है कि पिछले तीन दशक में भारतीय प्रतिभूति बाजार को वैश्विक रूप से सबसे गतिशील और अच्छी तरह से विनियमित बाजारों में से एक बनाने में उसके कर्मचारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

First Published - September 16, 2024 | 10:39 PM IST

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