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SIP निवेश बढ़ने से MF वितरकों की कमीशन आय बढ़ी

वित्त वर्ष 2023 में शीर्ष 1,700 वितरकों (जिनका एमएफ उद्योग की नियमित एयूएम में करीब 60 प्रतिशत योगदान है) ने सकल कमीशन के तौर पर 12,000 करोड़ रुपये कमाए।

Last Updated- September 01, 2023 | 9:46 PM IST
SIP investment

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) विकल्प के जरिये इ​क्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) निवेश में हुई वृद्धि से वित्त वर्ष 2023 में एमएफ वितरकों के लिए दो अंक की राजस्व वृद्धि सुनि​श्चित हुई, भले ही संपूर्ण उद्योग की कुल प्रबंधन अधीन परिसंप​त्तियां (एयूएम) महज 5 प्रतिशत तक बढ़ीं।

वित्त वर्ष 2023 में शीर्ष 1,700 वितरकों (जिनका एमएफ उद्योग की नियमित एयूएम में करीब 60 प्रतिशत योगदान है) ने सकल कमीशन के तौर पर 12,000 करोड़ रुपये कमाए, जो वित्त वर्ष 2022 में उन्हें मिले 10,400 करोड़ रुपये के कुल भुगतान की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है। समान अव​धि में, एमएफ योजनाओं में ग्राहकों की कुल परिसंप​त्तियां महज 8.5 प्रतिशत बढ़करर 14.7 लाख करोड़ रुपये हुईं।

एमएफ अ​धिकारियों के अनुसार, प्राप्त कमीशन परिसंप​त्ति वृद्धि से अ​धिक हो गया, क्योंकि एमएफ वितरकों की परिसंप​त्ति समावेश डेट फंडों की कीमत पर अ​धिक भुगतान वाली इ​क्विटी योजनाओं की तरफ बढ़ रहा है।

बंधन म्युचुअल फंड के प्रोडक्ट हेड सिरशेंदु बसु ने कहा, ‘इ​क्विटी निवेश की लोकप्रियता के कई कारण हैं, जिनमें बढ़ता एसआईपी प्रवाह मुख्य रूप से शामिल है। वास्तविकता यह है कि इ​क्विटी योजनाएं डेट के मुकाबले ज्यादा मार्क-टु-मार्केट वृद्धि से जुड़ी होती हैं, जिससे वितरकों की ​इ​क्विटी परिसंप​त्तियों में सुधार को बढ़ावा मिलता है।’

बंधन एमएफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में इ​क्विटी योजनाओं में मजबूत एसआईपी प्रवाह की वजह से कुल एमएफ एयूएम में सक्रिय इ​क्विटी योजनाओं की भागीदारी एक साल पहले के 35 प्रतिशत से बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, जहां निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023 में सक्रिय इ​क्विटी योजनाओं में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया, वहीं उन्होंने डेट योजनाओं से 1.6 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की।

एनजे इंडियाइन्वेस्ट 1,540 करोड़ रुपये की सकल कमीशन आय के साथ एमएफ वितरक सूची में शीर्ष पर रहा, जिसेक बाद भारतीय स्टेट बैंक का स्थान रहा। भारतीय स्टेट बैंक की कमीशन आय सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 905 करोड़ रुपये हो गई। एचडीएफसी बैंक, प्रूडेंट कॉरपोरेट एडवायजरी और ऐ​क्सिस बैंक शीर्ष पांच में अन्य नाम थे।

एनजे और प्रूडेंट ने सब-ब्रोकिंग मॉडल पर अमल किया, जिसमें उन्होंने राजस्व विभाजन आधार पर व्य​क्तिगत वितरकों के साथ समझौते किए। एम्फी ने सिर्फ प्रमुख 1,500-1,700 वितरकों का ही एमएफ कमीशन आंकड़ा जारी किया है। देश में मौजूदा समय में करीब 100,000 सक्रिय एमएफ वितरक हैं।

First Published - September 1, 2023 | 9:46 PM IST

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