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लोकलुभावन उपायों पर बजट 2024 में होगा जोर: सेंट्रम ब्रोकिंग के CEO निश्चल महेश्वरी

विदेशी निवेश आकर्षित करने की प्रतिस्पर्धा में भारतीय बाजार

Last Updated- July 17, 2024 | 11:24 PM IST
Nischal Maheshwari

सेंट्रम ब्रोकिंग में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के CEO निश्चल महेश्वरी ने ईमेल इंटरव्यू में पुनीत वाधवा को बताया कि जैसे-जैसे बजट पेश करने की तारीख नजदीक आ रही है, भारतीय बाजार विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अन्य उभरते बाजारों (ईएम) को कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं, लेकिन ऊंचे मूल्यांकन की चुनौती बनी हुई है। मुख्य अंश:

बाजार बजट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। किन प्रस्तावों से बाजार पर सकारात्मक या नकारात्मक असर होगा?

इस समय सरकार मजबूत स्थिति में है, क्योंकि दमदार कर संग्रह और आरबीआई से 100 प्रतिशत लाभांश की मदद से उसका राजस्व मजबूत है। चुनावों और मॉनसून के मौसम की वजह से कैलेंडर वर्ष 2024 की शुरुआत धीमी रहने से सरकार के पूंजीगत व्यय में बड़े बदलाव करने की संभावना नहीं है। हमारा मानना है कि इस वर्ष लोकलुभावन उपायों को अधिक महत्व दिया जाएगा, जिससे कि बेरोजगारी की समस्या और ग्रामीण क्षेत्र की परेशानी को कम किया जा सके।

बजट पर निवेशकों को कैसा नजरिया अपनाना चाहिए? क्या यह समय घरेलू अर्थव्यवस्था-केंद्रित क्षेत्रों में खरीदारी का है?

ग्रामीण अर्थव्यवस्था व्यापक सुधार के लिए तैयार है और इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं विनिर्माण पर सरकार के जोर देने से हमें नीतिगत निरंतरता की उम्मीद है। आगामी बजट विभिन्न पहलों के जरिये ग्रामीण क्षेत्र में बहाली को प्राथमिकता देगा। इसलिए ग्रामीण-केंद्रित खपत थीमों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, अनुकूल मॉनसून सीजन को देखते हुए कृषि क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना उचित है।

निवेशकों को उन क्षेत्रों पर भी विचार करना चाहिए जो सरकार के बुनियादी ढांचे के विकास से लाभान्वित हो सकते हैं, साथ ही रक्षा क्षेत्र में संभावित प्रगति पर भी विचार करना चाहिए। कुल मिलाकर, इन विकास-केंद्रित क्षेत्रों को शामिल करते हुए विविधता वाला दृष्टिकोण लाभकारी साबित हो सकता है।

क्या बाजार इस बात से चिंतित है कि भाजपा इतने बड़े गठबंधन में किस तरह से सुधार और भारी-भरकम नीतिगत बदलाव लागू करेगी?

भले ही भाजपा को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला हो लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि उसने अपने चुनाव-पूर्व सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है, न कि चुनाव-बाद नया गठबंधन किया है। इससे प्रशासन और नीति निर्माण में निरंतरता का संकेत मिलता है। कैबिनेट मंत्रियों को पुराने ही पोर्टफोलियो मिलने से हमें अगले पांच साल के लिए मजबूत नीतिगत निरंतरता का भरोसा बढ़ा है।

क्या निवेशकों के मन में यह चिंता है कि गठबंधन के आकार को देखते हुए सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी?

अच्छी बात यह है कि भाजपा और उसके सहयोगियों का चुनाव पूर्व गठबंधन बरकरार है और चुनाव के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं आया। सुधारों में निरंतरता बनी रहेगी, भले ही इनकी गति धीमी रह सकती है। हमें विश्वास है कि अगले कुछ वर्षों में सरकार लोकलुभावन उपायों और वृद्धि के बीच अच्छा संतुलन बनाए रखेगी और गठबंधन सहयोगियों को अच्छी तरह से प्रबंधित करेगी।

मौजूदा हालात में आप संपूर्ण बाजार मूल्यांकन से कितने सहज हैं?

मूल्यांकन उचित हैं और सूचना प्रौद्योगिकी, बीएफएसआई तथा एफएमसीजी में परिदृश्य सुधर रहा है। रक्षा, इंजीनियरिंग और विद्युत में भाव ज्यादा हैं और कुछ मुनाफा कमाया जा सकता है।

बैंकिंग और आईटी क्षेत्रों पर आपका क्या नजरिया है?

आईटी क्षेत्र को गैर-जरूरी खर्च में सुस्ती के साथ अल्पावधि चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि कंसल्टिंग, बीएफएसआई और टीएमटी सेगमेंटों में सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। जेनAI पूरे उद्योग के सुधार का नेतृत्व कर सकता है। हालांकि फेड की दर कटौती से आईटी सेवाओं के लिए मांग बढ़ सकती है।

बैंकिंग क्षेत्र में जमा वृद्धि सुस्त रही है। संभवतः संपूर्ण ऋण वृद्धि पर इसका असर पड़ा है। उम्मीद है कि वित्त मंत्री आगामी बजट में सावधि जमा (एफडी) ब्याज आय पर राहत प्रदान करने के लिए कर-मुक्त ब्याज आय को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ा सकती हैं, जिससे बैंकों की देनदारियां बढ़ने में मदद मिल सकती है।

First Published - July 17, 2024 | 11:24 PM IST

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