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घटते पीई से प्रतिफल हो सकता है प्रभावित

Last Updated- December 16, 2022 | 7:41 PM IST
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भारत ने इस वर्ष मूल्यांकन में तेजी के आधार पर बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन यह लगातार जारी नहीं रह सकता है। क्रेडिट सुइस ने 2023 के नजरिये पर अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। बाजार में प्रतिफल के तीन कारक होते हैं, जो अग्रिम आय, वैश्विक बाजार में पीई, और भारत की पीई प्रीमियम की तुलना में वैश्विक इक्विटी हैं।

इन तीनों ने आय और प्रीमियम में पिछले वर्ष अपना दबदबा बनाए रखा, जबकि वैश्विक पीई में गिरावट देखी गई। प्रीमियम में और बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन इसकी संभावना काफी कम है। क्रेडिट सुइस ने अगले वर्ष के लिए घरेलू आय में 15 फीसदी के बढ़ोतरी की उम्मीद जताई और कहा कि बाजार प्रतिफल भी इसके अनुसार ही होगा।

इक्विटी रणनीति के सह-प्रमुख और क्रेडिट सुइस के एशिया-प्रशांत और भारत में शोध प्रमुख नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि अग्रिम आय में 15 फीसदी का संभावित लाभ 2023 से अधिक प्रतिफल के लिए सीमा निर्धारित कर सकता है, और कम पीई इसके लिए एक नकारात्मक जोखिम पैदा करता है।

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वर्तमान में निफ्टी के लिए 12 महीने की आय प्रति शेयर (ईपीएस) 950 रुपये के आसपास है। निफ्टी 18,415 पर बंद हुआ, जिसका मतलब है कि सूचकांक अपने फॉरवर्ड पीई के 19.4 गुना पर कारोबार कर रहा है। अगर निफ्टी की कमाई 15 फीसदी के अनुमान के मुताबिक बढ़ती है तो दिसंबर 2023 तक 12 महीने की अग्रिम कमाई बढ़कर 1,088 रुपये हो जाएगी।

हालांकि, बाजार के प्रतिफल में कमजोरी आ सकती है क्योंकि क्रेडिट सुइस को पीई गुणक में संकुचन की उम्मीद है, क्योंकि वैश्विक जोखिम मुक्त दर और इक्विटी प्रीमियम के जोखिम के अधिक रहने की संभावना है।

First Published - December 15, 2022 | 7:51 PM IST

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