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सरकारी कंपनियों को मिलती रहेगी पब्लिक शेयरहोल्डिंग नॉर्म से छूट

Last Updated- January 03, 2023 | 1:01 PM IST
PSU
Illustration: Ajay Mohanty

लिस्टेड सरकारी कंपनियों  (PSUs) के लिए कम से कम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों में सरकार ने छूट को जारी रखने का फैसला किया है। कोई पब्लिक सेक्टर की कंपनी अगर अभी इस छूट का लाभ उठा रही है तो छूट उसके निजीकरण के बाद भी जारी रहेगी।

सोमवार देर रात एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि लिस्टेड पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (minimum public shareholding) मानदंड से एक निश्चित अवधि के लिए छूट मिलती रहेगी। नियमों के अनुसार लिस्टेड (सूचीबद्ध)  कंपनियों को न्यूनतम 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता बनाए रखने की आवश्यकता होती है।

अधिसूचना में कहा गया है कि MPS मानदंड से छूट एक “खास अवधि” के लिए मान्य होगी, भले ही छूट दिए जाने के बाद कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण में बदलाव हो।

भारत का पूंजी बाजार नियामक(सेबी) कई सालों से लिस्टेड सरकारी कंपनियों  को MPS मानदंड से छूट दे रहा है।

लेकिन निजीकरण की स्थिति में सरकारी कंपनियों के लिए उस छूट का विस्तार करने से निवेशकों को सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने के लिए मनाना पड़ सकता है।

अभी तक, सरकार के निजीकरण अभियान ने उतनी गति नहीं पकड़ी है जितनी उम्मीद की गई थी। पिछले महीने, सेबी ने कहा कि यह उन मामलों में लिस्टिंग दायित्वों में ढील दी जाएगी, जहां केंद्र सरकार निजी खरीदार को अपनी बहुमत हिस्सेदारी बेचती है।

First Published - January 3, 2023 | 12:22 PM IST

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