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सब पैसा बढ़ा रहे हैं इस तरीके से! HDFC Securities से जानिए स्मार्ट पोर्टफोलियो बनाने का तरीका

Investment Strategy: ETF और MTF की जोड़ी से निवेशक पा रहे हैं ज्यादा रिटर्न और बेहतर कंट्रोल

Last Updated- July 15, 2025 | 9:10 AM IST
Investment strategy

सोचिए अगर आप कम पैसों में शेयर बाजार की 50 बड़ी कंपनियों में एक साथ निवेश कर सकें। और वो भी उधार की ताकत के साथ। यही ताकत है जब ETF और MTF एक साथ आते हैं। ये जोड़ी आज के निवेशकों को एक ऐसा रास्ता देती है जिससे वे तेजी से बदलते बाजार में भी स्मार्ट, लचीले और फायदेमंद फैसले ले सकते हैं।

भारत में निवेश का तरीका तेज़ी से बदल रहा है। टेक्नोलॉजी की तरक्की, निवेशकों की बदलती पसंद और नए वित्तीय साधनों की वजह से अब पोर्टफोलियो बनाना पहले से ज़्यादा आसान, सस्ता और स्मार्ट हो गया है। इस बदलाव में दो चीज़ें खास तौर पर उभर कर सामने आई हैं। ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और MTF यानी मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी।

HDFC Securities के एमडी और सीईओ धीरज रेली के मुताबिक जब ETF और MTF को एक साथ इस्तेमाल किया जाए, तो निवेशकों को एक ऐसा टूल मिलता है जिससे वे कम लागत में विविधता (diversification) वाला पोर्टफोलियो बना सकते हैं और बाजार की स्थिति के अनुसार उसमें बदलाव कर सकते हैं।

ETF: कम लागत में बड़ी पहुंच

धीरज रेली बताते हैं कि पिछले पांच सालों में ETF भारत में बहुत लोकप्रिय हो चुके हैं। AMFI के आंकड़ों के अनुसार जून 2025 तक ETF का कुल AUM यानी एसेट अंडर मैनेजमेंट बढ़कर लगभग ₹9.24 लाख करोड़ हो गया है, जो जून 2020 में ₹1.86 लाख करोड़ था। यानी इसमें चार गुना बढ़ोतरी हुई है।

इस तेजी की वजह है — कम खर्च में निवेश, पारदर्शिता, आसान खरीद-बिक्री और अलग-अलग सेक्टरों में निवेश का मौका मिलना। आज सबसे ज़्यादा निवेश इक्विटी ETF में है, जिसमें ₹7.4 लाख करोड़ से ज्यादा का AUM है। डेट ETF में लगभग ₹97,000 करोड़ और गोल्ड ETF में ₹64,000 करोड़ से ज़्यादा निवेश हुआ है। इसके अलावा स्मार्ट बीटा और थीमैटिक ETF भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जो निवेशकों को खास थीम या फैक्टर के हिसाब से एक्सपोजर देते हैं।

खुदरा और संस्थागत निवेशकों की भागीदारी

धीरज रेली कहते हैं कि खुदरा निवेशकों का ETF में भरोसा लगातार बढ़ा है। मार्च 2020 में ₹5,335 करोड़ का रिटेल AUM अब मार्च 2025 तक बढ़कर ₹17,800 करोड़ से ज़्यादा हो गया है। इसकी वजह है डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से आसान एक्सेस और ETF के फायदे की बढ़ती समझ। सिर्फ रिटेल ही नहीं, बड़े संस्थागत निवेशकों ने भी ETF में अच्छी हिस्सेदारी बढ़ाई है, जिससे यह साफ होता है कि ये फंड अब लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बन चुके हैं।

MTF से रिटर्न को बढ़ाने की रणनीति

ETF जहां कम लागत में डाइवर्सिफिकेशन का फायदा देते हैं, वहीं MTF यानी मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी एक और स्तर की रणनीतिक लचीलापन देती है। इसमें निवेशक उधार लेकर ETF जैसे साधनों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा बढ़ा सकते हैं। धीरज रेली कहते हैं कि अगर MTF का इस्तेमाल सोच-समझकर किया जाए, तो इससे मिलने वाला लाभ काफी अच्छा हो सकता है।

उदाहरण के लिए, कोई निवेशक अगर भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी है, तो वह Nifty 50 ETF में MTF के ज़रिए निवेश कर सकता है। इससे उसे देश की 50 बड़ी कंपनियों में एक साथ निवेश करने का मौका मिलेगा। वो भी बिना सारा पैसा एक साथ लगाए।

चूंकि ETF की लिक्विडिटी अच्छी होती है और हर समय कीमत बदलती रहती है, इसलिए निवेशक तेजी से अपने पोजिशन को एडजस्ट कर सकता है। वहीं, MTF के साथ हर दिन का सेटलमेंट होता है, जिससे जोखिम पर नज़र बनाए रखना आसान होता है।

डेटा में दिख रही है ग्रोथ की ताकत

धीरज रेली के मुताबिक, 2020 के बाद से ETF का कुल म्यूचुअल फंड AUM में हिस्सा लगभग दोगुना हो गया है और अब ये 12.4% तक पहुंच गया है। आने वाले समय में इसमें और तेजी आएगी क्योंकि रेगुलेटरी समर्थन, फिनटेक इनोवेशन और निवेशकों की शिक्षा बढ़ रही है। स्मार्ट बीटा और थीमैटिक ETF खासकर उन लोगों को पसंद आ रहे हैं जो ESG जैसे मुद्दों, या खास सेक्टर्स में निवेश करना चाहते हैं। साथ ही, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मदद से अब MTF जैसे टूल भी रिटेल और हाई नेटवर्थ निवेशकों तक आसानी से पहुंच रहे हैं।

सही तरीका अपनाना ज़रूरी

धीरज रेली सलाह देते हैं कि ETF और MTF के इस कॉम्बिनेशन का पूरा फायदा उठाने के लिए निवेशकों को एक रणनीतिक और अनुशासित तरीका अपनाना चाहिए। सबसे पहले, निवेशक को यह समझना चाहिए कि उसकी जोखिम सहनशीलता क्या है, निवेश का समय कितना लंबा है और उसके लक्ष्य क्या हैं। ETF चुनते वक्त लिक्विडिटी और ट्रैकिंग एरर को देखना चाहिए। और MTF में लगने वाली ब्याज दर को अच्छी तरह समझना चाहिए, क्योंकि लंबी अवधि में इससे रिटर्न पर असर पड़ सकता है।

First Published - July 15, 2025 | 9:10 AM IST

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