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रोज की औसत कारोबारी मात्रा  में हो रहा सुधार

शुक्रवार को एफपीआई ने 2,770 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और इस तरह से उनकी शुद्ध खरीदारी का यह लगातार 12वां कारोबारी सत्र रहा।

Last Updated- May 04, 2025 | 10:43 PM IST
Stock Market

लगातार दूसरे महीने अप्रैल में रोज के औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम (एडीटीवी) में वृद्धि जारी रही। इसे बाजार की मौजूदा तेजी से सहारा मिला। वायदा और विकल्प क्षेत्र (एफऐंडओ) सेगमेंट में मासिक आधार पर 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 368 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कैश सेगमेंट में रोजाना औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम मासिक आधार पर 2 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.06 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

मार्च में एफऐंडओ और कैश दोनों सेगमेंट में मासिक आधार पर क्रमश: 22 फीसदी व 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई थी। यह बढ़ोतरी अप्रैल में निफ्टी-50 इंडेक्स में 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी की झलक देती है। इससे पहले मार्च में भी 6.3 फीसदी का इजाफा हुआ था। हालांकि इस बढ़ोतरी से पहले लगातार पांच महीने गिरावट दर्ज हुई थी और निफ्टी अभी भी अपने सर्वोच्च स्तर से 7 फीसदी नीचे है। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी अपने-अपने उच्चस्तर से 10 फीसदी नीचे हैं।

इस वृद्धि के बावजूद कैश और एफऐंडओ सेगमेंट में रोज का औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम क्रमश: जून और सितंबर 2024 के सर्वोच्च स्तर से करीब 30 फीसदी नीचे है। बाजारों में गिरावट और एफऐंडओ ट्रेडिंग के सख्त नियमों का वॉल्यूम पर असर पड़ा है। बाजार के प्रतिभागियों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की वापसी से भी निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा है।

शुक्रवार को एफपीआई ने 2,770 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और इस तरह से उनकी शुद्ध खरीदारी का यह लगातार 12वां कारोबारी सत्र रहा। यह करीब दो साल में शुद्ध खरीदारी का सबसे लंबा दौर है। पिछले 12 सत्रों में एफपीआई ने बाजार में 40,157 करोड़ रुपये निवेश किए हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि अगर बाजार अपनी रफ्तार बनाए रखता है और बाजार नियामक सेबी एफऐंडओ ट्रेडिंग के नियमों पर सख्ती टाल देता है तो ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी जारी रह सकती है। फरवरी में सेबी ने ओपन इंटरेस्ट की गणना के संशोधित तरीके, बाजार में पोजीशन लिमिट के समायोजन और एकल इंडेक्स व इंडेक्स डेरिवेटिव पर नई सीमा लागू करने समेत कई बदलावों का प्रस्ताव रखा था। बाजार नियामक अभी इन प्रस्तावों पर बाजार के फीडबैक की समीक्षा कर रहा है। –

First Published - May 4, 2025 | 10:43 PM IST

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