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‘SEBI में पारद​र्शिता बढ़ाने पर जोर’, बोले चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय- हितों के टकराव के बारे में जनता को बताना जरूरी

बाजार नियामक का कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में पांडेय ने सभी हितधारकों के लिए विश्वास और पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया।

Last Updated- March 07, 2025 | 10:53 PM IST
SEBI Chairman Tuhin Kanta Pandey

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने एक ऐसी व्यवस्था लेकर आने का आज वादा किया जिसमें सेबी बोर्ड के सदस्यों के लिए हितों के टकराव के बारे में जनता को बताना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और बाजार में विश्वास कायम करने के लिए नियामक जल्द ही अपने बोर्ड के ‘हितों के टकराव’ के बारे में सार्वजनिक खुलासा करेगा। 

बाजार नियामक का कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में पांडेय ने सभी हितधारकों के लिए विश्वास और पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया। सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच कथित तौर पर विदेशी फंडों में हिस्सेदारी और एक सलाहकार फर्म में हिस्सेदारी रखने के आरोप में जांच के घेरे में आई थीं, जिससे सेबी की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे। मनीकंट्रोल के एक कार्यक्रम में पांडेय ने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि भरोसा और पारदर्शिता सेबी में भी होनी चाहिए।’

हालांकि सेबी की वेबसाइट पर जो भाषण की प्रति अपलोड की गई है उसमें ये टिप्पणियां शामिल नहीं हैं। सेबी की कार्यशैली में बदलाव का संकेत देते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने कहा, ‘बड़े सुधारों के लिए कुछ बहुत बड़ा करने की जरूरत नहीं है। कई बार छोटे-छोटे सुधार भी अधिक प्रभावी होते हैं। सेबी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए बड़े और छोटे दोनों तरह के सुधारों का सही इस्तेमाल करेगा।’

First Published - March 7, 2025 | 10:47 PM IST

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