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लगातार फिसल रहा है निफ्टी मिडकैप

Last Updated- February 28, 2023 | 10:38 PM IST
market

निफ्टी मिडकैप इंडेक्स शुक्रवार को अप्रैल 2022 के बाद पहली बार 200 दिन के मूविंग एवरेज (डीएमए) से नीचे बंद हुआ और सोमवार को भी इसमें गिरावट जारी रही।

सोमवार के कारोबारी सत्र में यह 29,631 के निचले स्तर तक आ गया और करीब 1.2 फीसदी फिसला जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स में कारोबार के दौरान 0.7 फीसदी की गिरावट आई।

विश्लेषकों ने कहा, करीब 10 महीने बाद अहम स्तर को तोड़ना अवधारणा में बदलाव को प्रतिबिंबित करता है। 200 दिन का डीएमए 30,189 है और अब यह इंडेक्स के लिए तात्कालिक अवरोध बन गया है। तकनीकी चार्ट से पता चलता है कि आने वाले दिनों में 28,500-28,200 की ओर धीरे-धीरे गिरावट बताएगा कि बाजार की मनोदशा सुस्त बनी हुई है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ डेरिवेटिव व तकनीकी विश्लेषक नंदीश शाह ने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में मिडकैप इंडेक्स धीरे-धीरे टूटता रहा है और अब अपने अहम स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है।

मिडकैप के कई शेयर अपने सर्वोच्च स्तर से 40-50 फीसदी तक टूट चुके हैं। कुल मिलाकर मंदी की प्रवृत्ति बनी हुई है क्योंकि इंडेक्स ने तकनीकी चार्ट पर लोअर टॉप व लोअर बॉटम बनाया है।

इंडेक्स को 26,000 और फिर 29,329 पर समर्थन हासिल है। यह 30,190 और फिर 30,347 के स्तर पर प्रतिरोध का सामना कर रहा है। चार्ट यह भी बताता है कि इसमें और बिकवाली देखने को मिल सकती है।

इस कैलेंडर वर्ष में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 5.7 फीसदी फिसल चुका है जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स में 4.2 फीसदी की गिरावट आई है।

आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, बाटा इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स, दीपक नाइट्रेट, इमारी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, लॉरस लैब्स, मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया, निप्पॉन लाइफ इंडिया ऐसेट मैनेजमेंट, श्रीराम फाइनैंस, सन टीवी नोटवर्क और ट्राइडेंट पहले ही अपने-अपने 200 दिन का रोजाना मूविंग एवरेज का स्तर तोड़ चुके हैं और चार्ट से पता चलता है कि इनमें 10 फीसदी तक की और गिरावट आ सकती है।

शाह ने कहा, बाजार की मनोदशा को देखते हुए लंबी अवधि के निवेशक चुनिंदा खरीद कर सकते हैं, लेकिन ट्रेडरों को किनारे बैठना चाहिए जब तक कि ट्रेंड उभरकर सामने नहीं आता।

विश्लेषकों ने कहा, बाजार को चिंता में डालने वाला एक अन्य कारक है खुदरा निवेशकों की धीरे-धीरे घटती भागीदारी। यह ऐसे समय में हो रहा है जब विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय इक्विटी के शुद्ध‍ बिकवाल रहे हैं और पिछले तीन दिनों में उन्होंने 3,446 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है।

First Published - February 28, 2023 | 10:38 PM IST

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