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RIL की सालाना आम बैठक के बाद शेयर पर सकारात्मक रेटिंग

RIL के सभी कारोबारों के मजबूत परिदृश्य और अगले दशक में अहम कीमत सृजन के कंपनी के वादे को देखते हुए विश्लेषकों ने होल्ड के बजाय खरीद की इसकी रेटिंग बरकरार रखी है।

Last Updated- August 29, 2023 | 11:21 PM IST
Reliance Industries - RIL

रिलायंस इंडस्ट्रीज की 46वीं सालाना आम बैठक ने ब्रोकरेज फर्मों की तरफ से बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया का सामना नहीं किया और उनमें से ज्यादातर ने इस शेयर को लेकर अपनी रेटिंग और लक्षित कीमतें बरकरार रखी है। इसकी मुख्य वजह अल्पावधि को लेकर किसी ठोस योजना का अभाव है।

आरआईएल के सभी कारोबारों के मजबूत परिदृश्य और अगले दशक में अहम कीमत सृजन के कंपनी के वादे को देखते हुए विश्लेषकों ने होल्ड के बजाय खरीद की इसकी रेटिंग बरकरार रखी है। उनका कहना है कि दूरसंचार में नई पेशकश, खुदरा हिस्सेदारी की संभावित बिक्री (जिसमें बड़े निवेशकों की काफी दिलचस्पी नजर आ रही है), पवन ऊर्जा उपकरण विनिर्माण में प्रवेश और एआई वाली कंप्यूटिंग क्षमता की योजना काफी अहम है।

इस कैलेंडर वर्ष में यह शेयर करीब 3 फीसदी चढ़ा है जबकि बीएसई सेंसेक्स में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि आरआईएल के शेयरों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी तभी नजर आएगी जब खुदरा व दूरसंचार कारोबार को सूचीबद्ध‍ कराने की समयसारणी सामने आएगी। आरआईएल के शेयरों पर विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों की राय :

जेफरीज- रेटिंग : खरीदें। लक्ष्य : 2,950 रुपये

ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान जियो व खुदरा कारोबार को अलग कर उसे सूचीबद्ध करा सकते हैं। वित्त वर्ष 25 के दौरान रिलायंस जियो में पूंजीगत खर्च कम रह सकता है क्यों​कि 5जी नेटवर्क पर खर्च मोटे तौर पर हो चुका है। यह आय अनुमान को अपरिवर्तित रख रहा है क्योंकि अल्पावधि के लक्ष्यों को लेकर सीमित सूचनाएं हैं और किसी अहम पूंजीगत खर्च की घोषणा नहीं हुई है।

नोमूरा- रेटिंग : खरीदें । लक्ष्य: 2,925 रुपये

ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि आरआईएल अपनी नई वायरलेस ब्रॉडबैंड की पेशकश जियो एयरफाइबर की कीमत प्रतिस्पर्धी रखेगी। यह भारती एयरटेल की दिल्ली व मुंबई की हालिया प्रायोगिक ​फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस से प्रतिस्पर्धा कर सकती है, जिसमें मासिक टैरिफ 799 रुपये है और न्यूनतम छह महीने की योजना 2,500 रुपये की सिक्योरिटी डिपॉजिट के साथ मिलेगी।

एंटरप्राइज ऑफरिंग स्पेस में आरआईएल की आक्रामकता से उद्योग के लाभ पर असर पड़ सकता है। जियो फाइनैंशियल बीमा लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है। चूंकि अन्य कारोबारों के बारे में बहुत ज्यादा सूचना नहीं दी गई, ऐसे में जियो फाइनैंशियल की क्रियान्वयन क्षमता समय के साथ ही स्पष्ट होगी।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज- रेटिंग : और खरीदें। लक्ष्य: 2,600 रुपये

आरआईएल के अहम कारोबारों का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। ऊर्जा क्षेत्र को उच्च रिफाइनिंग मार्जिन, पेट्रोकेमिकल स्प्रेड में सुधार और केजी बेसिन में बढ़ते उत्पादन से लाभ मिलेगा। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आरजियो को 2024 के आम चुनाव के बाद टैरिफ में संभावित बढ़ोतरी से बाजार हिस्सेदारी में बढ़त मिलती रहेगी। खुदरा की रफ्तार तेज रहेगी, जिसे नए खुले स्टोर, न्यू कॉमर्स के शेयर में इजाफा और एफएमसीजी में उतरने से फायदा मिलेगा।

जेएम फाइनैंशियल- रेटिंग : खरीदें। लक्ष्य: 2,900 रुपये

शुद्ध‍ कर्ज को लेकर उसे अनुमान है कि आरआईएल का शुद्ध‍ कर्ज वित्त वर्ष 24 में सर्वोच्च स्तर पर पहुंचेगा। तब शुद्ध‍ कर्ज में गिरावट आनी शुरू होगी क्योंकि पूंजीगत खर्च घटकर 1.3-1.4 लाख करोड़ रुपये सालाना रह जाएगा, जो वित्त वर्ष 23 में 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा और इसकी फंडिंग पूरी तरह से आंतरिक नकदी सृजन से होगी। ब्रोकरेज को आरआईएल की प्रति शेयर आय अगले 3 से 5 साल में सालाना 14-15 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ने की संभावना दिख रही है। उसे उम्मीद है कि आरजियो का औसत राजस्व प्रति ग्राहक वित्त वर्ष 23-28 में सालाना 10 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ेगा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल- रेटिंग : खरीदें। लक्ष्य: 2,920 रुपये

ब्रोकरेज को वित्त वर्ष 23-25 में एकीकृत राजस्व व एबिटा में सालाना 12 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार नजर आ रहा है। खुदरा, दूरसंचार और न्यू एनर्जी अगले 2-3 साल में बढ़त के नए इंजन होंगे। ब्रोकरेज एकल रिफाइनिंग व पेट्रोकेमिकल बिजनेस की वैल्यू 904 रुपये प्रति शेयर, आरजियो 750 रुपये प्रति शेयर और रिलायंस रिटेल को 1,485 रुपये प्रति शेयर आंक रहा है और इसके लिए हालिया हिस्सेदारी बिक्री पर नजर डाली है। न्यू एनर्जी बिजनेस की वैल्यू बुक वैल्यू आधार पर 16 रुपये प्रति शेयर आंकी है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज- रेटिंग : और खरीदें। लक्ष्य: 2,650 रुपये

ब्रोकरेज आरआईएल की महत्वाकांक्षा को बहुत ऊंचा मान रहा है क्योंकि इसकी पूंजी दक्षता सुस्त है। नियोजित पूंजी में तीव्र बढ़ोतरी (जो आय की रफ्तार से काफी आगे बना हुआ है), नियोजित पूंजी पर रिटर्न पिछले चार-पांच साल से नरम बना हुआ है। इस अवधि में परिचालन आय की रफ्तार सालाना 18 फीसदी की चक्रवृद्धि के हिसाब से रहने के बावजूद मुक्त नकदी प्रवाह सुस्त रहा है। ब्रोकरेज को वित्त वर्ष 23-वित्त वर्ष 25 में आय में सालाना 18.6 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ोतरी दिख रही है, लेकिन ब्रोकरेज सुस्त रिटर्न अनुपात व सीमित मुक्त नकदी प्रवाह को लेकर चिंतित है।

First Published - August 29, 2023 | 11:21 PM IST

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