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Hindenburg के निशाने पर सेबी प्रमुख बुच, सोमवार को शेयर बाजार का क्या होगा रिएक्शन? बता रहे हैं एक्सपर्ट्स

समस्या तभी पैदा होगी जब सेबी चीफ बुच को इन आरोपों के कारण छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाएगा। जैसा कि हमने पहले ICICI बैंक में चंदा कोचर के मामले में देखा था।

Last Updated- August 11, 2024 | 10:11 PM IST
Madhabi Puri Buch

Hindenburg Research on Sebi chairperson Madhabi Puri Buch, IIFL: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने आरोप लगाया है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) के पास कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। सोमवार को जब भारतीय शेयर बाजार खुलेंगे तो इस घटनाक्रम पर निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की और इसके बजाय हिंडनबर्ग रिसर्च को ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी के ‘कारण बताओ’ नोटिस में कहा गया कि उनकी रिपोर्ट ‘लापरवाह’ थी क्योंकि उन्होंने एक प्रतिबंधित ब्रोकर का हवाला दिया था, जो सेबी से संबंधित मामलों में विशिष्ट अनुभव रखता था और उसने विस्तार से बताया कि नियामक को पता था कि अदाणी जैसी कंपनियां जटिल ऑफशोर इकाइयों का उपयोग करके नियमों का उल्लंघन कर रही थीं, और नियामक ने इन योजनाओं में भाग लिया।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा, “अदाणी का निरंतर बिना किसी गंभीर नियामक हस्तक्षेप के काम करने का पूरा भरोसा इस बात का संकेत है कि यह सेबी की अध्यक्ष, माधबी बुच के साथ अदाणी के संबंधों के कारण हो सकता है।”

सेबी चीफ माधबी पुरी बुच पर हिंडनबर्ग के आरोपों पर बाजार की क्या प्रतिक्रिया होगी?

विश्लेषकों का मानना है कि ये बयान महज आरोप हैं, इसलिए सोमवार को जब भारतीय शेयर बाजार खुलेंगे तो इस घटनाक्रम पर निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।

एक स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा (Ambareesh Baliga) ने कहा, “सेबी चेयरपर्सन को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर बाजार में तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है क्योंकि ये आरोप एक मौजूदा सेबी प्रमुख के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, बाजारों में रिकवरी भी उतनी ही तेज होनी चाहिए। समस्या तभी पैदा होगी जब सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को इन आरोपों के कारण छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाएगा। जैसा कि हमने पहले आईसीआईसीआई बैंक में चंदा कोचर (Chanda Kochhar) के मामले में देखा था।

Also read: Hindenburg-Adani Case: सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का अदाणी फर्मों में निवेश नहीं, न ही वे फंड ऑपरेशन में थीं शामिल- IIFL

माधबी पुरी बुच, धवल बुच और IIFL के बीच संबंध

हिंडनबर्ग के अनुसार, माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने सबसे पहले सिंगापुर में 5 जून, 2015 को IPE Plus Fund 1 के साथ अपना खाता खोला, जैसा कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों में बताया गया है।

आईआईएफएल के एक प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित एक फंड घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत ‘वेतन’ है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया, “अगर सेबी वास्तव में ऑफशोर फंड धारकों को ढूंढना चाहता था, तो शायद सेबी चेयरपर्सन आईने में देखकर शुरुआत कर सकती थीं। हमें यह आश्चर्यजनक नहीं लगता कि सेबी उस निशान का पीछा नहीं करना चाहता था, जो उसके अपने प्रमुख तक जाता था।”

विश्लेषकों का हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों और बाजार पर प्रभाव का विश्लेषण

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर और शोध प्रमुख जी चोक्कलिंगम भी मानते हैं कि हिंडनबर्ग द्वारा कही गई बातें मात्र आरोप हैं और वे ऐसी रिपोर्टों पर विश्वास नहीं करते। चोक्कलिंगम ने कहा, “सोमवार को बाजार के ज्यादातर स्थिर रहने की संभावना है।”

वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के निदेशक-इक्विटी रणनीति क्रांति बाथिनी ने कहा कि सेबी की आंतरिक प्रक्रियाएं मजबूत हैं और यह विकास अल्पकालिक भावनात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है, लेकिन इससे कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं निकलेगा।

उन्होंने कहा, “यह सेबी के आंतरिक संचालन और कर्मचारी अनुपालनों के बारे में अधिक है। बाजार परिपक्व हैं और इस पर ध्यान नहीं देंगे। कोई दहशत जैसी स्थिति नहीं होगी, और किसी भी गिरावट पर खरीदारी की जाएगी।”

Also read: हिंडनबर्ग के आरोप दुर्भावनापूर्ण, सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वालेः Adani Group

अल्फानिति फिनटेक के को-फाउंडर और निदेशक यू आर भट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों में पिछले मौकों की तुलना में कम धार है और इससे बाजार की भावना पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

भट ने कहा, “आरोप बहुत बढ़ा-चढ़ाकर लगाए गए लगते हैं। जब पहली बार अदाणी ग्रुप के खिलाफ आरोप लगाए गए थे, तो शेयर जोरदार वापसी के साथ आए थे। नवीनतम आरोप अप्रत्यक्ष हैं और ज्यादा मायने नहीं रखते। बाजार तात्कालिक प्रतिक्रिया के बाद उबर जाएंगे, यदि कोई प्रतिक्रिया हुई तो।”

First Published - August 11, 2024 | 4:33 PM IST

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