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वित्तीय धोखाधड़ी पर सेबी के पूर्णकालिक सदस्य ने चेताया, कहा- CFO की लापरवाही भी जिम्मेदार

Last Updated- May 26, 2023 | 11:04 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती ने कहा है कि वित्तीय धोखाधड़ी के प्रमुख मामलों में कंपनी के मुख्य वित्तीय ​अधिकारी (सीएफओ) द्वारा बरती गई लापरवाही जिम्मेदार रही है।

फिक्की सीएफओ समिट में मोहंती ने प्रवर्तकों द्वारा सहायक कंपनियों के जरिये कोष गबन के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि यदि आंतरिक नियंत्रण सही होता तो सीएफओ को ऐसे मामलों की जानकारी हासिल हो जाती और नियामक को समय पर कदम उठाने में मदद मिलती।

मोहंती ने कहा, ‘पिछले समय में कई बार धोखाधड़ी हुई । कई बड़ी कंपनियां धोखाधड़ी में संलिप्त पाई गईं। हमारे द्वारा किए गए विश्लेषणों के आधार पर पता चलता है कि यदि संबं​धित कंपनियों के सीएफओ प्रबंधन की गतिवि​धियों पर शुरू से ही नजर बनाए रखते तो इनमें से ज्यादातर धोखाधड़ी को रोका जा सकता था।’सेबी के अ​धिकारी का मानना है कि चिंता का एक मुख्य कारण यह है कि नियामक को संबं​धित पक्षों से जुड़े लेनदेन में तेजी का पता चला है।

मोहंती ने कहा, ‘प्रवर्तन के संबंध में सेबी के पास शुरू में बाजार संबं​धित धोखाधड़ियों, भेदिया कारोबार, फर्जी योजनाओं आदि की जांच के लिए सिर्फ एक विभाग था। कॉरपोरेट धोखाधड़ी को ध्यान में रखते हुए हमने एक विशेष जांच विभाग बनाया पड़ा, जिसमें ज्यादातर चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं।’

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धोखाधड़ी, कोष गबन या अन्य तरह की हेराफेरी की जांच करने के लिए जिम्मेदार कॉरपोरेशन फाइनैंस इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CFID) ने वर्ष 2021-22 में वित्तीय विवरण धोखाधड़ी श्रेणी से संबं​धित 13 मामले पाए, जबकि ऐसे 10 मामले 2021-22 में निपटाए गए थे। सेबी ऐक्ट की धारा 11 के तहत सीएफआईडी ने वित्त वर्ष 2022 में 74 कंपनियों पर नियामकीय कार्रवाई शुरू की, जबकि वित्त वर्ष 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 4 थी। विभाग ने वित्त वर्ष 2023 में 8 प्रशासनिक चेतावनियां भी जारी की थीं जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या महज 3 थी। पूर्णकालिक सदस्य मोहंती ने कंपनियों द्वारा नियामकीय अनुपालन के लिए तकनीकी विश्लेषण टूल्स अपनाए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया। मोहंती ने कहा, ‘सीएफओ को तकनीक पर निर्भरता बढ़ानी होगी, जिससे कि आंतरिक नियंत्रण की निगरानी में मदद मिल सके।’

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उनकी यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब बाजार नियामक ने ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक, प्रशासनिक) रिपोर्टिंग और बीआरएसआर कोर की प्रक्रिया में सुधार किया है। बीआरएसआर कोर व्यावसायिक जिम्मेदारी के लिए ज्यादा सक्षम मॉडल है।

First Published - May 26, 2023 | 11:04 PM IST

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