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डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम के लिए SEBI ने EOP के लिए नियम जारी किए

EOP एक डिजिटल या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो म्यूचुअल फंड की योजनाओं की डायरेक्ट प्लान में सब्सक्रिप्शन, रिडेम्पशन और स्विच लेनदेन जैसे लेनदेन की सुविधा देता है।

Last Updated- June 15, 2023 | 11:19 AM IST
SEBI

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे जेरोधा और पेटीएम, जो कि निवेशकों को म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान खरीदने के लिए अनुमति देते हैं, उनके लिए नियम तैयार किए गए हैं।

बता दे कि सेबी ने फाइनल गाइडलाइन्स के साथ ही Execution Only Platforms (EOP) को लेकर डिटेल्ड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए पिछले साल के कंसल्टेशन पेपर सेटिंग को फॉलो किया है।

EOP एक डिजिटल या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो म्यूचुअल फंड की योजनाओं की डायरेक्ट प्लान में सब्सक्रिप्शन, रिडेम्पशन और स्विच लेनदेन जैसे लेनदेन की सुविधा देता है।

अब तक, म्यूचुअल फंड स्कीम की डायरेक्ट प्लान में केवल-निष्पादन सेवाएं प्रदान करने के लिए टेक्नोलॉजी/डिजिटल प्लेटफॉर्म (निवेश सलाहकारों/स्टॉक ब्रोकरों द्वारा गैर-ग्राहकों को प्रदान किए गए प्लेटफॉर्म सहित) के लिए कोई विशिष्ट ढांचा उपलब्ध नहीं था।

सेबी के 13 जून के नोटिस के अनुसार, किसी भी इकाई को सेबी या एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) से पंजीकरण प्राप्त किए बिना EOP के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इसके अलावा, सेबी-रजिस्टर्ड इन्वेस्ट एडवाइजर और स्टॉक ब्रोकरों द्वारा उनके सलाहकार या ब्रोकिंग ग्राहकों को प्रदान किए गए प्लेटफॉर्म ईओपी फ्रेमवर्क के तहत कवर नहीं किए जाएंगे।

साथ ही EOP अपने प्लेटफॉर्म पर स्पेसिफिक म्यूचुअल फंड या म्यूचुअल फंड स्कीम्स का विज्ञापन भी नहीं कर सकेंगे। SEBI ने ईओपी को दो कैटेगरी में बांटा है।
कैटेगरी 1 ईओपी को म्युचुअल फंड इंडस्ट्री बॉडी एएमएफआई (AMFI) के साथ रजिस्टर होना होगा।

इस कैटेगरी के तहत, ईओपी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के एक एजेंट के रूप में कार्य करेंगे और म्यूचुअल फंड में लेनदेन की सुविधा के लिए एएमसी द्वारा अधिकृत एएमसी और/या रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) के साथ अपने सिस्टम को एकीकृत करेंगे।

ये संस्थाएं (entities) म्युचुअल फंड की योजनाओं की डायरेक्ट प्लान में लेनदेन के एक समूह के रूप में कार्य कर सकती हैं और निवेशकों या अन्य मध्यस्थों को सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।

कैटेगरी 2 ईओपी को सेबी के साथ एक स्टॉक ब्रोकर के रूप में रजिस्टर्ड होने की आवश्यकता होगी और वे निवेशकों के एजेंट के रूप में काम कर सकते हैं और स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा प्रदान किए गए प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही काम कर सकते हैं।

ईओपी के रूप में काम करने की इच्छुक कोई भी संस्थाएं दो श्रेणियों में से एक के तहत रजिस्ट्रेशन करवा सकती है।

सेबी के अनुसार, एएमएफआई (AMFI ) के साथ रजिस्टर्ड ईओपी एएमएफआई द्वारा ऊपरी सीमा के भीतर एक फ्लैट लेनदेन शुल्क (एड-वैलोरम नहीं, जिसका अर्थ है
व्यापार की मात्रा के आधार पर) लगा सकते हैं, जो एएमसी द्वारा वहन किया जाएगा।

साथ ही, ऑनबोर्डिंग शुल्क, यदि लगाया जाता है, तो एएमसी द्वारा वहन करने की आवश्यकता होगी। वहीं, कैटेगरी 2 के EOP निवेशकों से एक समान शुल्क लेंगे। फी स्ट्रक्चर नॉमिनल होगा और AMFI और स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किया जाएगा।

First Published - June 15, 2023 | 11:19 AM IST

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