facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

सेबी को जनवरी में मिलीं रिकॉर्ड शिकायतें, लंबित मामलों की संख्या में भी इजाफा

सेबी को मिलने वाली ​शिकायतें जनवरी में 80 प्रतिशत बढ़ीं

Last Updated- February 28, 2024 | 11:25 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आने वाली ​शिकायतों में जनवरी में बड़ी तेजी दर्ज की गई। नियामक को जनवरी में करीब 5,532 ​​शिकायतें मिलीं, जो इससे पिछले महीने (दिसंबर) में मिली ​शिकायतों के मुकाबले 80 प्रतिशत ज्यादा थीं। यह आंकड़ा वर्ष 2023 के निचले स्तर से दोगुना से ज्यादा है।

सेबी को फरवरी 2023 में 2,321 ​शिकायतें मिली थीं, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम थीं। ​निवेशकों ने अपनी ​शिकायतें सेबी ​शिकायत निवारण प्रणाली (स्कोर्स) पर दर्ज कराईं। ​शिकायतें नियामक के साथ पंजीकृत सूचीबद्ध कंपनियों के साथ साथ बिचौलियों के ​खिलाफ दायर कराई जा सकती हैं। पोर्टल के अनुसार इस प्रणाली पर सेबी ऐक्ट, सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेग्युलेशन ऐक्ट, डिपोजिटरीज ऐक्ट और कंपनीज ऐक्ट, 2013 के संबं​धित प्रावधानों के तहत उत्पन्न मसलों से जुड़ी शिकायतें दर्ज होती हैं।

लंबित ​शिकायतों की कुल संख्या बढ़कर 5,371 हो गई है। यह तेजी ​नियामक द्वारा सक्रियता बढ़ाए जाने के बावजूद आई है। ​शिकायतों की संख्या महीने के शुरू में लंबित 3,780 के मुकाबले अ​धिक है। नई ​शिकायतों से लंबित ​शिकायतों की संख्या में इजाफा हुआ है। कार्रवाई योग्य लंबित ​शिकायतों की संख्या पिछले वित्त वर्ष में घटी थीं। सेबी की सालाना रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार दरअसल वित्त वर्ष 2023 में 2,000 से थोड़ी अधिक ​शिकायतें लंबित थीं जो दशक में सबसे कम थी। इनमें ज्यादातर तीन महीने से कम के लिए लंबित रहीं।

वित्त वर्ष 2009 में लंबित ​​शिकायतों की संख्या 49,000 से ज्यादा थी। वित्त वर्ष 2023 के दौरान इनमें से करीब आधी ​शिकायतें उत्तरी क्षेत्र के राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के साथ साथ अन्य से सेबी के मुख्य कार्यालय में प्राप्त हुई थीं। वित्त वर्ष 2023 में ज्यादातर ​शिकायतें स्टॉक ब्रोकरों के ​खिलाफ थीं। इसके बाद अन्य ​शिकायतें रिफंड, आवंटन, लाभांश, ट्रांसफर, बोनस, राइट्स, रिडम्पशन और ब्याज से संबं​धित थीं।

लंबित ​शिकायतों की संख्या में वृद्धि इस तथ्य के बावजूद हुई है कि जनवरी में ​शिकायतों का औसत समाधान समय कम हुआ। जनवरी में किसी ​शिकायत के समाधान से जुड़ा औसत समय 35 दिन रहा। यह पिछले महीनों के दौरान लगने वाले समय की तुलना में बड़ी कमी थी।

नवंबर और दिसंबर 2023 में ​शिकायत निवारण में करीब 40 दिन लग रहे थे। औसत सालाना समाधान समय 2023 में 35 दिन था, जो 2022 में 28 दिन था। जनवरी में ​16 शिकायतें 3 महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं, जिनमें 6 उद्यम पूंजी फंडों के ​खिलाफ, चार निवेश सलाहकारों और एआईएफ के ​खिलाफ थीं। दो ​शिकायतें शोध विश्लेषकों के ​खिलाफ मिली ​थीं।

First Published - February 28, 2024 | 11:25 PM IST

संबंधित पोस्ट