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सेबी ने डेटा शेयरिंग नीति में एकरूपता पर जोर दिया

पहले बास्केट में सिर्फ सकल और विश्लेषित डेटा होंगे, जिसमें नियामकों द्वारा अनिवार्य रिपोर्टिंग और खुलासा किए जाने वाले डेटा भी शामिल होंगे।

Last Updated- December 20, 2024 | 10:08 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज को निर्देश दिया कि वे मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किए जाने वाले शोध और शोध प्रकाशनों के लिए डेटा साझा करने के लिए समान नीति अपनाएं।

इन मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर संस्थानों (एमआईआई) को ऐसे डेटा को दो बास्केट में अलग करने के लिए कहा गया है, एक जिसे सार्वजनिक तौर पर साझा किया जा सकता है और दूसरा जिसे सार्वजनिक किया जा सकता है। पहले बास्केट में सिर्फ सकल और विश्लेषित डेटा होंगे, जिसमें नियामकों द्वारा अनिवार्य रिपोर्टिंग और खुलासा किए जाने वाले डेटा भी शामिल होंगे। सेबी ने कहा कि डेटा को अलग अलग रखने का मकसद सार्वजनिक डोमेन में किसी भी व्यक्तिगत, संवेदनशील या गोपनीय जानकारी का सार्वजनिक करने से रोकना है।

दूसरे बास्केट में केवाईसी जानकारी, ट्रेड लॉग, किसी इकाई या व्यक्ति की होल्डिंग जानकारी आदि शामिल हैं, जिसमें इकाई या व्यक्ति की पहचान शामिल है। इसके अलावा, यहां तक कि गुप्त डेटा भी सार्वजनिक डोमेन में साझा नहीं किया जाएगा, जिसका उपयोग व्यक्ति या इकाई की पहचान के लिए किया जा सकता है। एमआईआई को प्रत्येक बास्केट के तहत डेटा की सूची दो महीने के भीतर सेबी को मंजूरी के लिए साझा करने के लिए कहा गया है।

First Published - December 20, 2024 | 10:08 PM IST

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