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Closing Bell: बाजार में निचले स्तरों से 430 अंक की रिकवरी, फिर भी निवेशकों के ₹5 लाख करोड़ डूबे; सेंसेक्स 319 अंक टूटा, निफ्टी 23,400 के नीचे बंद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयात पर टैरिफ शुल्क बढ़ाने के फैसले के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट आई।

Last Updated- February 03, 2025 | 4:07 PM IST
Closing Bell

Stock Market Closing Bell: घरेलू शेयर बाजार सोमवार (3 फरवरी) को सप्ताह के पहले ट्रेडिंग सेशन में गिरावट लेकर बंद हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयात पर टैरिफ शुल्क बढ़ाने के फैसले के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट आई। इसका असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) सोमवार (3 फरवरी) को लगभग 500 अंक की गिरावट लेकर 77,063 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 900 से ज्यादा अंक की गिरावट लेकर 76,756 तक फिसल गया था। अंत में सेंसेक्स 319.22 या 0.41% की गिरावट लेकर पर बंद हुआ।

इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 (Nifty50) भी खुलते ही 23 हजार के नीचे फिसल गया। अंत में कुछ रिकवरी करते हुए निफ्टी 121 अंक या 0.52% फिसलकर 23,361 पर क्लोज हुआ।

शेयर बाजार में सोमवार (3 फरवरी) को गिरावट की वजह?

1. ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर भी 10 प्रतिशत शुल्क दाग दिया है। ये शुल्क मंगलवार से प्रभावी हो जाएंगे। ट्रंप के इन कदमों पर भारत की नजरें गड़ी हुई हैं।

2. डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी में भी भारी गिरावट आई है। भारतीय रुपया सोमवार (3 फरवरी) को शुरुआती कारोबार में 67 पैसे की गिरावट के साथ 87.29 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।

3. इसके अलावा एलएन्डटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, एचडीएफ़सी बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे हैवीवेट शेयरों में बिकवाली ने भी बाजार को नीचे की तरफ खींचा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटिजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार ने कहा कि बेहतरीन बजट के बावजूद बाजार ट्रंप के टैरिफ और ‘टैरिफ के शुरुआती दौर’ के कारण बढ़ी वैश्विक अनिश्चितता के दबाव में रहेगा। फिलहाल, भारत इससे प्रभावित नहीं है। इसलिए भारतीय बाजार पर असर कम होगा। लेकिन डॉलर इंडेक्स के 109.6 से ऊपर पहुंचने से एफआईआई की अधिक बिकवाली शुरू हो जाएगी। इससे बाजार दबाव में आ जाएगा।”

डॉलर के मुकाबले 87 के पार निकला रुपया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा, मेक्सिको और चीन पर शुल्क लगाने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद व्यापक व्यापार युद्ध (Trade War) की आशंकाओं के बीच भारतीय करेंसी में यह भारी गिरावट आई है। भारतीय रुपया सोमवार (3 फरवरी) को शुरुआती कारोबार में 67 पैसे की गिरावट के साथ 87.29 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।

निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये डूबे

बाजार में सोमवार को आई बड़ी गिरावट की वजह की वजह से निवेशकों की वेल्थ लगभग 5 लाख करोड़ रुपये डूब गई। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप (Mcap) घटकर 419,83,537 करोड़ रुपये रह गया। शनिवार (01 फरवरी) को यह 424,80,380 करोड़ रुपये था।

बजट वाले दिन कैसी रहा बाजार का रिएक्शन?

पिछले ट्रेडिंग सेशन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2025 पेश करने के बाद बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स सपाट बंद हुए थे। सेंसेक्स 0.01 फीसदी की बढ़त के साथ 77,505.96 पर बंद हुआ। निफ्टी50 0.11 फीसदी गिरकर 23,482.15 पर बंद हुआ था।

बजट 2025 पर बाजार का रिएक्शन काफी हद तक न्यूट्रल रहा। इनकम टैक्स में राहत के बावजूद बाजार को कोई खास बढ़ावा नहीं मिला। इसके अलावा कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर में कुछ रेशनलाइजेशन, टेलीकॉम और आईटी कंपोनेंट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती और वाहन आयात पर शुल्क में कटौती की गई हाउ। एग्री, ग्रामीण विकास और रिन्यूएबल एनर्जी से संबंधित अन्य उपायों को सकारात्मक रूप से देखा गया।

First Published - February 3, 2025 | 3:44 PM IST

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