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देसी बॉन्डों में निवेश बढ़ाने लगे विदेशी निवेशक, करीब आ रहा JP Morgan इंडेक्स में शामिल होने का समय

मई में अभी तक डेट सिक्योरिटीज में 7,427 करोड़ रुपये का शुद्ध FPI हुआ है। अप्रैल में इन निवेशकों ने 11,218 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।

Last Updated- May 28, 2024 | 9:58 PM IST
FPI registration process will be easier for government bond investors: SEBI सरकारी बॉन्ड निवेशकों के लिए आसान होगी FPI रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: SEBI

अप्रैल में बिकवाली में जुटे विदेशी निवेशक मई में पलटी मार गए हैं और डेट बॉन्ड समेत प्रतिभूतियों में लगातार रकम लगा रहे हैं। भारत सरकार के बॉन्डों का जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल होने का वक्त करीब आ रहा है, जिसे देखकर विदेशी निवेशक भी देसी बॉन्डों में निवेश बढ़ाने लगे हैं।

मई में अभी तक डेट प्रतिभूतियों में 7,427 करोड़ रुपये का शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) हुआ है। अप्रैल में इन निवेशकों ने 11,218 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलर​शिप के वाइस प्रेसिडेंट नवीन सिंह ने कहा, ‘जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारतीय बॉन्डों के शामिल होने के कारण ऐसा हो रहा है। जेपी मॉर्गन के अनुसार भारतीय बॉन्डों के भार में हर महीने 1 फीसदी इजाफा किया जाएगा। ऐसे में पैसिव निवेशकों को इंडेक्स में ट्रैकिंग त्रुटि कम करने के लिए खरीदारी करनी होगी।’

जेपी मॉर्गन ने सितंबर 2023 में ऐलान किया था कि वह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पूर्णत: एक्सेसिबल रूट (एफएआर) के तहत जारी सरकारी बॉन्डों को अपने उभरते बाजारों के वै​श्विक बॉन्ड सूचकांक (जीबीआई-ईएम) में शामिल करेगी। बॉन्ड को सूचकांक में शामिल करने का काम 28 जून से शुरू होगा और 10 महीने तक जारी रहेगा। इसके तहत 31 मार्च 2025 तक हर महीने बॉन्डों का भार 1 फीसदी बढ़ाया जाएगा। सूचकांक में भारतीय बॉन्डों को भार चीन की ही तरह 10 फीसदी होगा।

एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘एफपीआई बाजार में इसलिए भी लौटे हैं क्योंकि उन्हें वित्त वर्ष के बाकी समय में यील्ड कम होने की उम्मीद है, जिससे वे बढ़िया कमाई कर सकते हैं। वे तमाम बाजारों में अपना निवेश घटाते-बढ़ाते रहते हैं। एफपीआई के बाजार में आने के कई कारण हैं और बॉन्ड का जेपी मॉर्गन के सूचकांक में शामिल होना उन्हीं में से एक है।’

10 साल के सरकारी बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड मई में अभी तक 20 आधार अंक घटी है और आज 7 फीसदी पर बंद हुई। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में विदेशी निवेशकों ने डेट बाजार में 54,492 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिससे बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड में 14 आधार अंक की कमी आई थी।

करीब एक साल तक हर महीने विदेशी निवेश पाने के बाद अप्रैल में डेट बाजार में बिकवाली हावी हो गई थी। प​श्चिम ए​शिया में भू-राजनीतिक तनाव के बीच अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल रहे थे।

वित्त वर्ष 2024 में देसी बाजार में 3.23 लाख करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया था, जबकि वित्त वर्ष 2023 में 45,365 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। नैशनल सि​क्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने कुल एफपीआई निवेश में से 1.2 लाख करोड़ रुपये डेट में ही लगाए थे। यह 2014-15 के बाद इस श्रेणी में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश था।

सूचकांक में शामिल बॉन्डों के तहत 520 अरब डॉलर की संपत्ति है और बाजार को उम्मीद है कि इस दौरान 25 अरब डॉलर का निवेश आएगा। सूचकांक में शामिल होने की शर्तों के अनुसार पात्र निवेश साधन 1 अरब डॉलर या इसके बराबर होना चाहिए और उसके परिपक्व होने में कम से कम ढाई साल बचे होने चाहिए।

First Published - May 28, 2024 | 9:58 PM IST

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