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भारत के डेरिवेटिव बाजार में विदेशी ट्रेडिंग फर्मों की दिलचस्पी बढ़ी, नौकरियों में तेजी

फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन का कहना है कि अप्रैल में 7.3 अरब के वैश्विक इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 60 फीसदी भारत का रहा है।

Last Updated- June 20, 2025 | 10:11 PM IST
Stock Market

सिटेडल सिक्योरिटीज और आईएमसी ट्रेडिंग से लेकर मिलेनियम तथा ऑप्टिवर जैसी करीब आधा दर्जन वै​श्विक ट्रेडिंग कंपनियां भारत के तेजी से बढ़ते डेरिवेटिव बाजारों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं। इस वजह से नियु​क्तियों में तेजी आ रही है और एक्सचेंजों को टेक्नोलॉजी में सुधार के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है। कंपनियों की नियु​क्ति योजनाएं इन उम्मीदों के बीच बन रही हैं कि बड़े घरेलू उपभोक्ता और निवेशक आधार से भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीतियों के कारण पैदा हुई वैश्विक उथल-पुथल से बचने में मदद मिलेगी। फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन का कहना है कि अप्रैल में 7.3 अरब के वैश्विक इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 60 फीसदी भारत का रहा है। भारत के नियामकों का कहना है कि मार्च 2018 से अनुबंधों का कारोबार 48 गुना बढ़ गया है।

कुछ कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि पश्चिमी देशों की फर्मों के लिए यह अवसर बहुत बड़ा है जिसे खासकर अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट द्वारा पिछले साल अपनी इंडिया ट्रेडिंग स्ट्रैटजी से 2.34 अरब डॉलर कमाने के बाद अनदेखा नहीं किया जा सकता है। वै​श्विक हाई-स्पीड ट्रेडर आईएमसी ट्रेडिंग के जोसलिन डेंटां ने कहा, ‘हमने ट्रेडिंग के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा बढ़ती देखी है, जहां आप एक ही अवसर के लिए अधिक कंपनियां होती हैं। नौकरी बाजार में भी ऐसा ही है।’

कंपनी की भारतीय इकाई के प्रबंध निदेशक डेंटां ने कहा कि फर्म की योजना 2026 के अंत तक अपनी टीम का आकार 50 फीसदी बढ़ाकर 150 से अधिक करने की है। विदेशी निवेशक अप्रैल और मई में भारतीय शेयरों के खरीदार बन गए और उन्होंने 2.8 अरब डॉलर की शुद्ध खरीदारी की।

प्रख्यात निवेशक केनेथ ग्रिफिन की फर्म सिटेडल सिक्योरिटीज को लगभग 10 लोगों की एक छोटी टीम चलाती है, जिसमें भारत के लिए हाल में नियुक्त किए गए मुख्य परिचालन अधिकारी के साथ-साथ ट्रेडिंग के कंट्री हेड भी शामिल हैं। फर्म की योजनाओं से अवगत एक सूत्र ने बताया कि कंपनी प्रतिभाओं की तलाश कर रही है।

जानकार सूत्र ने कहा कि हेज फंड मिलेनियम दुबई और सिंगापुर के माध्यम से अपनी इंडिया डेस्क का विस्तार कर रहा है। मिलेनियम ने इस पर प्रति​क्रिया से इनकार कर दिया। नीदरलैंड की ऑप्टीवर ने वर्ष 2025 के अंत तक अपनी टीम का आकार मौजूदा 70 से बढ़ाकर 100 करने की योजना बनाई है।
नौकरियों के लिए प​ब्लिक पोस्टिंग से पता चला है कि एम्सटर्डम की ट्रेडिंग फर्म दा विंची और लंदन की क्यूब रिसर्च ऐंड टेक्नोलॉजीज भी भारत में क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग पदों के लिए भर्ती कर रही हैं।

First Published - June 20, 2025 | 10:11 PM IST

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