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MRF Tyres का कमाल: 3 महीनों में 26% उछला शेयर, बनी निवेशकों की पहली पसंद

MRF Tyres ने शानदार तिमाही नतीजों, मार्जिन में बढ़ोतरी और कच्चे माल की लागत घटने के चलते निवेशकों का भरोसा जीतकर निफ्टी ऑटो में सबसे तेज प्रदर्शन किया।

Last Updated- June 29, 2025 | 10:24 PM IST
MRF Tyres
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सबसे बड़ी सूचीबद्ध टायर कंपनी एमआरएफ टायर्स का शेयर पिछले तीन महीनों में 26 प्रतिशत चढ़ा है। इसके साथ ही यह निफ्टी ऑटो सूचकांक में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनी बन गई है। वित्त वर्ष 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में मजबूत परिचालन प्रदर्शन, बाजार हिस्सेदारी के विस्तार, कच्चे माल की लागत में गिरावट और बेहतर लाभ ने निवेशक धारणा को मजबूत बनाए रखा है। लेकिन कुछ ब्रोकरों का कहना है कि शेयर में तेजी के कारण इसका भाव महंगा हो गया है। 

एमआरएफ के चौथी तिमाही के आंकड़े सभी पैमानों पर प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले बेहतर रहे हैं। कंपनी का राजस्व 12 प्रतिशत बढ़कर लगभग 7,000 करोड़ रुपये हो गया, जो उम्मीदों के अनुरूप है। जहां दोपहिया और यात्री वाहन मूल उपकरण निर्माताओं की बिक्री स्थिर रही, वहीं कंपनी ने ट्रक और बस रेडियल सेगमेंट में तेजी देखी, साथ ही दोपहिया वाहनों की रीप्लेसमेंट मांग भी मजबूत रही। राजस्व वृद्धि और अधिक हो सकती थी, लेकिन बाजार हिस्सेदारी फिर से हासिल करने के उद्देश्य से आक्रामक मूल्य निर्धारण के उपायों के कारण ऐसा नहीं हो सका।  

खास बदलाव परिचालन प्रदर्शन में देखा गया। परिचालन लाभ सालाना आधार पर 18 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 30 प्रतिशत बढ़कर 1,040 करोड़ रुपये हो गया, जो अनुमान के मुकाबले काफी बेहतर है। यह लाभ उम्मीद से बेहतर सकल मार्जिन और ऊपरी व्यय में कमी के कारण हुआ। परिचालन मार्जिन तिमाही आधार पर 340 आधार अंक और सालाना आधार पर 80 आधार अंक बढ़कर 15 फीसदी रहा। इसके विपरीत, ​सिएट में सालाना आधार पर 170 आधार अंक की गिरावट आई और यह 11.6 प्रतिशत पर आ गया जबकि अपोलो टायर्स ने 440 बीपीएस की गिरावट के साथ 11.2 प्रतिशत मार्जिन दर्ज किया।

एमआरएफ ने पिछले साल की तिमाही से कर्मचारी लागत और अन्य खर्चों में क्रमशः 2 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की भी कटौती की। हालांकि उत्पादन लागत में तिमाही आधार पर थोड़ी गिरावट आई, लेकिन लाभ का कुछ हिस्सा कमजोर रुपये के कारण प्रभावित हुआ। 

आनंद राठी रिसर्च के विश्लेषकों मुमुक्ष मंडलेशा और शगुन बेरिया को उम्मीद है कि मजबूत उत्पाद मिश्रण और चुनिंदा मूल्य वृद्धि के कारण लाभप्रदता में सुधार होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2027 तक राजस्व में 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसमें परिचालन और शुद्ध लाभ की वृद्धि 16 प्रतिशत तथा 24 प्रतिशत रहने की संभावना है। ब्रोकरेज ने मार्जिन और बाजार हिस्सेदारी में और अ​धिक वृद्धि की संभावना को देखते हुए शेयर को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।

कच्चे माल की कीमतों में गिरावट से इस क्षेत्र और एमआरएफ को लाभ की उम्मीद है। कच्चा तेल  पिछले एक सप्ताह में 14 प्रतिशत और 2025-26 की अप्रैल-जून अवधि में अब तक तिमाही आधार पर लगभग 11 प्रतिशत गिर गया है।

घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में प्राकृतिक रबर की कीमतें भी कमजोर बनी हुई हैं। पिछले साल अगस्त में 245-250 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंचने के बाद रबर की कीमतें 20 प्रतिशत से अधिक गिर गई हैं और अब 200 रुपये से नीचे हैं। टायर उत्पादन लागत का लगभग दो-तिहाई हिस्सा कच्चे तेल के डेरिवेटिव और प्राकृतिक रबर से जुड़ा हुआ है। इनमें सिंथेटिक रबर, नायलॉन टायर कॉर्ड फैब्रिक, कार्बन ब्लैक और रबर केमिकल्स शामिल हैं।

कोटक रिसर्च को उम्मीद है कि एमआरएफ प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से अल्पाव​धि में अपनी बढ़त बनाए रखेगी। कच्चे तेल और रबर की कीमतों में नरमी से मार्जिन बनाए रखने में मदद मिलेगी। लेकिन विश्लेषक ऋषि वोरा ने ऊंची भाव का हवाला देते हुए ‘बेचें’ रेटिंग बरकरार रखी है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने कच्चे माल की लागत में कमी का ध्यान रखते हुए वित्त वर्ष 2026/वित्त वर्ष 2027 के लिए अपनी प्रति शेयर आय (ईपीएस) के अनुमान को 7 प्रतिशत और 4 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, लेकिन ‘बेचें’ रेटिंग भी बरकरार रखी है। विश्लेषक अनिकेत म्हात्रे का कहना है कि हालिया तेजी के बाद यह शेयर अपनी वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 की ईपीएस के क्रमशः 30.1 गुना और 26.7 गुना पर कारोबार कर रहा है जो इसके 10 साल के 25 गुना के औसत से काफी ऊपर है। उनका मानना है कि एमआरएफ की कमजोर होती बढ़त और पूंजी दक्षता को देखते हुए इसे उपयुक्त ठहराना उचित नहीं है। 

First Published - June 29, 2025 | 10:24 PM IST

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