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छह दिन की जबरदस्त तेजी! निफ्टी ने इस साल के पूरे नुकसान की भरपाई की, सेंसेक्स में 1,079 अंकों की उछाल

सेंसेक्स 1,079 या 1.4 फीसदी बढ़त के साथ 77,984 पर बंद हुआ। निफ्टी 308 अंक या 1.3 फीसदी की तेजी के साथ 23,658 पर बंद हुआ।

Last Updated- March 24, 2025 | 11:01 PM IST
NSE

बेंचमार्क सूचकांकों में आज लगातार छठे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला बना रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के व्यापार शुल्कों का अगला दौर अधिक नपा-तुला होने की उम्मीद से बाजार में तेजी आई है।  इसके साथ निचले स्तर पर शेयरों में लिवाली और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की खरीदारी लौटने से भी निवेशकों का हौसला बढ़ा।

सेंसेक्स 1,079 या 1.4 फीसदी बढ़त के साथ 77,984 पर बंद हुआ। निफ्टी 308 अंक या 1.3 फीसदी की तेजी के साथ 23,658 पर बंद हुआ। निफ्टी ने इस साल अभी तक हुए अपने नुकसान की पूरी भरपाई कर ली। 

बीते 6 सत्र में दोनों सूचकांक 5.6 फीसदी चढ़े हैं मगर अभी भी सितंबर के रिकॉर्ड उच्च स्तर से करीब 10 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 418 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

खबरों से संकेत मिलता है कि ट्रंप का बराबरी शुल्क पहले की आशंका से ज्यादा ल​क्षित और कम व्यापक हो सकता है। निवेशकों को चिंता थी कि ट्रंप की शुल्क योजना व्यापक व्यापार युद्ध की ओर ले जा सकती है। अमेरिका 2 अप्रैल से व्यापार भागीदार देशों पर बराबरी वाला शुल्क लगा सकता है।

जियोजित फाइनैं​शियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘घरेलू बाजार में अच्छी तेजी देखी गई। शेयरों के दाम कम होने आय वृद्धि में सुधार के शुरुआती संकेत से लिवाली बढ़ी है। सरकारी खर्च में वृद्धि और अपेक्षित मौद्रिक नरमी से ब्याज दर से प्रभावित होने वाले बैंकिंग, एनबीएफसी, वाहन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे बाजार के बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना बढ़ जाएगी।’

पिछले हफ्ते निफ्टी में 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई थी जो 4 साल में इसकी सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त थी। निफ्टी मिडकैप इस दौरान 7.7 फीसदी और स्मॉलकैप 8.6 फीसदी बढ़ा था जो 2020 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी रही।

पिछले हफ्ते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बाजार में वापस आने से निवेशकों का हौसला बढ़ा है। बीते तीन सत्र से विदेशी निवेशक शुद्ध लिवाली कर रहे हैं। 

बीते शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने 5,263 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जो 19 फरवरी के बाद एक दिन में उनकी सबसे बड़ी लिवाली थी। पिछले साल सितंबर से ही बाजार में बिकवाली हावी थी, जिससे शेयरों का मूल्यांकन कम होने के बाद बीते हफ्ते इसमें तेजी आई। जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनियों की कमाई नरम रहने और विदेशी निवेशकों द्वारा रिकॉर्ड बिकवाली के कारण निफ्टी लगातार पांच महीने घाटे में रहा।

अमेरिकी व्यापार नीति में संभावित बदलाव की चिंता से अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड बढ़ गई और डॉलर भी मजबूत हुआ, जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से निवेश निकालने लगे। ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद व्यापार शुल्क लागू होने से निवेशकों की बेचैनी बढ़ गई, जिससे जोखिम वाली संपत्तियों से निवेश सोने जैसे सुरक्षित ठिकानों की ओर जाने लगा। हालिया तेजी के बावजूद बाजार के विशेषज्ञ मौजूदा तेजी के बने रहने को लेकर आशंकित हैं। एक फंड मैनेजर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अमेरिका से जुड़ी खबरों ने कुछ हद तक निराशा कम करने में मदद की। उन्होंने कहा, ‘बाजार में अत्यधिक बिकवाली के बाद अक्सर 4 से 5 फीसदी उछाल देखने को मिलती है।’ बाजार में उठापटक मापने वाला इंडिया वीआईएक्स इंडेक्स 9 फीसदी बढ़कर 13.7 पर पहुंच गया जो आगे भी उतार-चढ़ाव का संकेत देता है।

एचडीएफसी बैंक 1.7 फीसदी और रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.9 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। सेंसेक्स की तेजी में इन दोनों शेयरों का अहम योगदान रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 27 सितंबर से करीब 24 फीसदी टूट चुका था मगर 4 मार्च से इसमें 12 फीसदी की तेजी आई है।

कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा भवनीश लाठिया को मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) नियुक्त किए जाने के बाद बैंक का शेयर 4.5 फीसदी चढ़ गया और 41 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

बीएसई  पर  2,596 शेयर लाभ में और 1,640 नुकसान में रहे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3,056 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 98 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

First Published - March 24, 2025 | 10:58 PM IST

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