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Stock Market: क्या सीमित दायरे में अटक गया है बाजार, रेंज-बाउंड मार्केट में कैसे करें ट्रेडिंग और निवेश? जानिए एक्सपर्ट की टिप्स

बाजार में इस मूड माहौल के बीच मास्टर कैपिटल सर्विसेज में AVP (रिसर्च एंड एडवाइजरी) विष्णु कांत उपाध्याय ने निवेशकों को रेंज बाउंड बाजार में ट्रेंड को समझने की सलाह दी है।

Last Updated- June 05, 2025 | 3:15 PM IST
Stock Market

Stock Market Strategy: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लेकिन अंत में बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुआ। मंगलवार की गिरावट के बाद यह एक तरह का ब्रेक माना जा सकता है। शुरुआती तेजी के बाद निफ्टी सीमित दायरे में घूमता रहा और अंत में 24,612 के स्तर पर बंद हुआ। सेक्टोरल फ्रंट पर मिला-जुला रुख रहा। मेटल्स और एनर्जी शेयरों में तेजी देखने को मिली। जबकि रियल्टी और फाइनेंशियल सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। इस सेशन की खास बात यह रही कि ब्रॉडर मार्केट में मजबूती दिखी। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.7% से 0.8% तक की बढ़त दर्ज की गई।

हालांकि, गुरुवार (5 जून) को बाजार इस रेंज को तोड़ता हुआ दिखाई दिया। सेंसेक्स-निफ्टी में बढ़त देखने को मिली। बाजार में बदलते मूड माहौल ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट को ले​कर मास्टर कैपिटल सर्विसेज में असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च एंड एडवाइजरी) विष्णु कांत उपाध्याय से ने ई-मेल के जरिए भेजे सवालों के जवाब में कई अहम सलाह दी है। प्रस्तुत है संपादित अंश:

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रेंज बाउंड मार्केट में निवेशकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

रेंज की शुरुआत से पहले के ट्रेंड को समझना जरूरी होता है। रेंज-बाउंड मार्केट में ट्रेडर्स और निवेशकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ‘स्पष्ट डायरेक्शन  की कमी’ होती है। यह स्थिति अक्सर असमंजस पैदा करती है और ट्रेडिंग में अस्थिर परिणाम देती है।

क्या स्ट्रैटेजी अपनाएं निवेशक?

रेंज बाउंड बाजार में सफल स्ट्रेटेजी अपनाने के लिए जरूरी है कि ट्रेडर मार्केट में रेंज की शुरुआत से पहले के ट्रेंड को समझें। ताकि सही स्ट्रेटेजी चुनी जा सके। सक्रिय ट्रेडर्स के लिए सपोर्ट के पास खरीदारी और रेसिस्टेंस के पास मुनाफावसूली जैसी रेंज-ट्रेडिंग रणनीति कारगर हो सकती है। इसके साथ ही वॉल्यूम एनालिसिस और प्राइस एक्शन पर ध्यान देना ट्रेडिंग टाइमिंग और रिस्क मैनेजमेंट में मदद करता है। वहीं, कंजर्वेटिव ट्रेडर्स को धैर्य रखना चाहिए और तब तक नई पोजिशन से बचना चाहिए जब तक कि रेंज से स्पष्ट ब्रेकआउट वॉल्यूम के साथ न दिखे।

लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए ब्रेकआउट का समय क्या है?

रेंज-बाउंड बाजार लंबे समय के निवेशकों के लिए भी एक संकेत देता है। यह या तो ट्रेंड में ब्रेक के बाद की कंसोलिडेशन फेज हो सकती है या कमजोरी का संकेत भी। अगर यह फेज किसी मजबूत तेजी के बाद आता है, तो इसे हेल्दी कंसोलिडेशन माना जा सकता है और ऐसे समय में निवेशक अच्छे स्टॉक्स को रेंज के निचले स्तर पर धीरे-धीरे जमा कर सकते हैं। वहीं, अगर यह रेंज किसी लंबी गिरावट के बाद बन रही है, तो यह संभावित कमजोरी का संकेत हो सकती है।

क्या इस समय निवेश करने से बचना चाहिए?

ऐसे मामलों में निवेशकों को तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि बॉटम फॉर्मेशन या रेसिस्टेंस ब्रेकआउट के स्पष्ट संकेत न मिलें।

First Published - June 5, 2025 | 2:03 PM IST

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