facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

बाजार में गिरावट से झटका, मगर युवाओं के लिए सुनहरा निवेश मौका: Helios Capital के समीर अरोड़ा

विदेशी निवेशकों पर कैपिटल गेन टैक्स लगाना सरकार की सबसे बड़ी गलती: Helios के समीर अरोड़ा

Last Updated- March 01, 2025 | 6:59 AM IST
Samir Arora

हीलीऑस कैपिटल के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी समीर अरोड़ा ने बिजनेस स्टैंडर्ड के मंथन कार्यक्रम में कहा कि भारत में निवेश करने वालों (खास तौर से विदेशी निवेशकों) पर पूंजीगत लाभ कर लगाना सही नहीं है और यह संभवत: केंद्र सरकार की सबसे बड़ी गलती है।

उन्होंने कहा, पूंजीगत लाभ कर विशेष तौर पर विदेशी निवेशकों का सेंटिमेंट बिगाड़ रहा है जो पिछले पांच महीने से लगातार बिकवाली कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के भारतीय शेयरों की बिकवाली की है।

सितंबर 24 के अंत से ही बाजार में गिरावट होने लगी और विदेशी निवेशकों ने अब तक 2.1 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। दूसरी तरफ म्युचुअल फंडों ने 2.4 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की है। डीआईआई ने भारतीय इक्विटी में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।

अरोड़ा ने कहा, उन्होंने (सरकार ने) जो सबसे बड़ी गलती की है, उससे लोगों की भावनाएं सबसे ज्यादा आहत हुई हैं और वास्तविकता यह है कि उन्हें मानना पड़ेगा कि भारत में पूंजीगत लाभ कर (विशेष रूप से विदेशी निवेशकों पर) लगाना 100 फीसदी गलत है।

उन्होंने कहा, दुनिया और भारत में सबसे बड़े निवेशक विदेशी सॉवरिन फंड, पेंशन फंड, विश्वविद्यालय और धनाढ्य निवेशक (एचएनआई) हैं। उनके लाभ पर कर लगाना खासकर तब जबकि उनके पास अपने देश में कर को समायोजित करने की छूट नहीं है। साथ ही उनको विदेशी मुद्रा से संबंधित जोखिमों का भी सामना करना पड़ता है।

ऐसे में यह सरकार की सबसे बड़ी गलती है। तीन दशकों से अधिक से बाजारों में निवेश कर रहे अरोड़ा ने कहा कि भारत ने 2022-23 में पूंजीगत लाभ कर के रूप में लगभग 10-11 अरब डॉलर इकट्ठे किए। उन्होंने कहा, लेकिन भारत को बाजारों और विदेशी निवेशकों का सम्मान करने के लिए पूंजीगत लाभ कर माफ कर देना चाहिए।

फंडामेंटल को लेकर अरोड़ा का मानना है कि देश में कंपनियों की आय (जिंस को छोड़कर) वृद्धि लगभग 13 प्रतिशत रही, जो उतनी बुरी नहीं है। उन्होंने कहा कि बाजार में हालिया गिरावट केवल कंपनियों की आय वृद्धि को लेकर प्रतिक्रिया के कारण नहीं हुई है, बल्कि इसके लिए अन्य वैश्विक और घरेलू मसले भी जिम्मेदार हैं।

युवा तुर्क

अरोड़ा का मानना है कि बाजारों में गिरावट उन लोगों के लिए अच्छी है जो युवा हैं और जिन्होंने अभी निवेश शुरू किया ही है और शुरुआत में ही ऐसा दौर देख लिया है। उन्हें उम्मीद करनी चाहिए कि जब वे निवेश की राह शुरू करेंगे तो बाजार सस्ते होंगे और वे अधिक खरीद सकेंगे और लंबे समय तक बने रह सकेंगे।

उन्होंने कहा, अब वे अधिक यूनिट/शेयर खरीद सकते हैं और लंबे समय तक उसमें बने रह सकते हैं। इसके उलट, जो लोग सेवानिवृत्ति के करीब थे और पैसा निकालना चाहते थे, उन्हें भारी नुकसान हुआ है क्योंकि उनकी निकासी योग्य राशि कम हो गई है।

हालांकि यह अनुमान लगाना हमेशा कठिन होता है कि बाजार कब निचला स्तर छोड़कर ऊपर जाना शुरू करेगा। अरोड़ा का मानना है कि आम तौर पर बाजार निचले स्तर को छोड़कर ऊपर की शुरुआत करने में आठ से नौ महीने लगाता है और फिर रिकवरी शुरू होने से पहले अगले तीन-चार महीनों तक एकीकरण के चरण में प्रवेश करता है।

अरोड़ा ने कहा, हम बहुत अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहे हैं। यानी कि हम कहीं न कहीं आखिरी दौर में हैं। अगले कुछ महीनों में कुछ चीज़ें एक साथ होनी चाहिए। अप्रैल/मई तक (समय के हिसाब से) गिरावट शुरू होने के बाद आठ महीने हो जाएंगे, जो पहले देखी गई गिरावट/सुधार की समयावधि के बराबर है। साथ ही, तब तक ट्रंप से संबंधित शुल्क वार्ताओं पर स्पष्टता आने लगेगी और यह भी पता चलने लगेगा कि आने वाले वर्ष में कंपनियों की आय कैसी रहेगी।

अरोड़ा ने कहा, कुल मिलाकर कैलेंडर वर्ष 2025 के पहले छह महीने निवेशकों के लिए पूंजी संरक्षण के लिए होंगे।

उन्होंने कहा, बाजार में वी-आकार की रिकवरी नहीं है। वी-आकार की रिकवरी के लिए सरकार को बाजारों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का सम्मान करना होगा। लेकिन साल 2025 शेयर बाजारों से रिटर्न पाने का साल नहीं होगा। हालांकि हम यही उम्मीद कर सकते हैं कि कुछ नुकसान की भरपाई हो जाएगी। रणनीति के तौर पर अरोड़ा फिलहाल चुप बैठे हुए हैं।

First Published - March 1, 2025 | 6:57 AM IST

संबंधित पोस्ट