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बाजार में गिरावट से SIP में घाटा, फिर भी क्यों नहीं रुक रहा म्युचुअल फंड्स में पैसा?

एसआईपी निवेशकों को नुकसान के बावजूद नए निवेशक बने बाजार की ताकत, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में महंगे मूल्यांकन की चेतावनी

Last Updated- January 30, 2025 | 10:31 PM IST
Debt MF outlook: Divide portfolio between long- and low-duration funds

शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के कारण भले ही एक साल के दौरान एसआईपी निवेशकों का नुकसान हुआ है, लेकिन फिर भी इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) में निवेश प्रवाह की रफ्तार में बहुत ज्यादा कमी आने की आशंका नहीं है। इक्विटी फंड योजनाओं के ताजा परिसंपत्ति प्रबंधन (एयूएम) आंकड़ों से प्रमुख योजनाओं से बड़ी निकासी का संकेत नहीं मिला है। 28 जनवरी तक लार्जकैप फंडों की एयूएम दिसंबर 2024 के आखिर से सिर्फ 3.7 फीसदी घटीं जबकि निफ्टी-100 सूचकांक में 4.3 फीसदी की गिरावट आई।

भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार इसी तरह स्मॉलकैप फंडों की प्रबंधित परिसंपत्तियां 11.5 फीसदी तक घट गईं जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक में 14.7 फीसदी की कमजोरी आई। एयूएम में बदलाव दो कारकों पर आधारित होता है- निवेश आने या निकलने और बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से संबंधित परिसंपत्तियों की वैल्यू में बदलाव।

इक्विटी फंड योजनाओं में फरवरी 2021 के बाद से शुद्ध मासिक निकासी नहीं देखी गई है, क्योंकि कोविड के बाद इक्विटी बाजार में आई तेजी और इसके कारण इक्विटी फंडों के मजबूत प्रदर्शन से 3 करोड़ से अधिक नए निवेशक इनसे जुड़े हैं। अकेले 2024 में 1 करोड़ से अधिक नए निवेशक फंडों से जुड़े जिससे कुल निवेशकों की संख्या बढ़कर 5.26 करोड़ हो गई।

इनमें से ज्यादातर निवेशकों ने इक्विटी फंड योजनाओं में निवेश के लिए एसआईपी का विकल्प अपनाया है। हालांकि ज्यादातर निवेशकों का एक साल का एसआईपी रिटर्न फिलहाल घाटे में है क्योंकि लगभग सभी डाइवर्सिफाइड इक्विटी योजनाओं में नुकसान है। एडवाइजरखोज के आंकड़ों से पता चलता है कि फ्लेक्सीकैप श्रेणी में, 38 में से 34 योजनाओं ने एक वर्ष की अवधि में एसआईपी रिटर्न में घाटा दिया है। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली योजना ने अपने निवेशकों की लगभग एक-तिहाई पूंजी गंवा दी है।

क्वांटम म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी चिराग मेहता ने कहा, ‘मूल्यांकन के दृष्टिकोण से बाजार महंगे थे और इसलिए गिरावट की जरूरत थी। यह गिरावट उन निवेशकों के लिए एक वास्तविकता है जो महंगे मूल्यांकन के बावजूद इक्विटी में अधिक निवेश कर रहे हैं। हालांकि हमने गिरावट के चरण में कई नए निवेशकों का व्यवहार नहीं देख पाए, लेकिन अधिकांश निवेशकों के बाजार में बड़ी गिरावट होने पर इक्विटी में निवेश कम करने की संभावना नहीं लगती है।’

हालांकि, तीन साल पहले शुरू किए गए एसआईपी निवेश खाते अच्छी स्थिति में हैं। रेग्युलर फ्लेक्सीकैप योजनाओं का तीन साल का औसत एसआईपी रिटर्न 16.3 प्रतिशत सीएजीआर का है। जनवरी में एमएफ योजनाओं में निवेश प्रवाह विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के बीच शेयर बाजार के लिए मददगार साबित हुआ है। महीने के दौरान (28 जनवरी तक) म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 55,849 करोड़ रुपये लगाए हैं।

विश्लेषकों के अनुसार हालांकि बाजार में काफी गिरावट आई है। लेकिन बड़े इक्विटी निवेश के लिए यह सही समय नहीं हो सकता है। उनका कहना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्पेस में मूल्यांकन अभी भी फंडामेंटल को देखते हुए महंगे हैं। पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘लगभग 4 साल तक शानदार रिटर्न देने के बाद रिटर्न की उम्मीद नरम रखनी चाहिए। गिरावट के बाद भी मिडकैप और स्मॉलकैप महंगे हैं।’

First Published - January 30, 2025 | 10:31 PM IST

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