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Stock Market Crash: मंदी में स्मॉलकैप, कगार पर आए मिडकैप 

निफ्टी स्मॉलकैप 100 अपने शीर्ष स्तर से 21.6 फीसदी टूट चुका है और निफ्टी मिडकैप 100 इस स्तर से 18.4 फीसदी गिरा है।

Last Updated- February 14, 2025 | 11:13 PM IST
Share Market

करीब एक हफ्ते से गिरावट झेल रहे शेयर बाजार में निवेशकों को आज भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। स्मॉलकैप शेयर करीब 3 फीसदी टूटकर मंदी की गिरफ्त में आ गए और मिड कैप भी 2.4 फीसदी फिसलकर मंदी के करीब पहुंच गए। मिड कैप शेयर अपने शीर्ष से 18.4 फीसदी नीचे आ चुके हैं। लार्जकैप शेयरों की बहुतायत वाले निफ्टी 50 और सेंसेक्स भी दिन में कारोबार के दौरान 1 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गए थे मगर बाद में उन्होंने संभलकर आधे नुकसान की भरपाई कर ली।

शेयर बाजार, उसका कोई सूचकांक या शेयर जब अपने हालिया सर्वोच्च स्तर से 20 फीसदी नीचे गिर जाता है तो उसे ‘बेयर मार्केट’ यानी मंदड़ियों की गिरफ्त में पहुंच गया मान लिया जाता है। कंपनियों के मुनाफे में धीमी वृद्धि, शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन, अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव के असर पर चिंताओं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की धड़ाधड़ बिकवाली ने बाजार को पस्त कर दिया है। इन कारणों से निवेशकों का भरोसा काफी डगमगा गया है और बाजार पूंजी में करीब 78 लाख करोड़ रुपये की चोट पहुंची है। 

निफ्टी स्मॉलकैप 100 अपने शीर्ष स्तर से 21.6 फीसदी टूट चुका है और निफ्टी मिडकैप 100 इस स्तर से 18.4 फीसदी गिरा है। दोनों सूचकांक पिछले आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर चले गए हैं। अपने शीर्ष स्तर से करीब 12-12 फीसदी नीचे जाकर निफ्टी 22,929 और सेंसेक्स 75,939 पर बंद हुए। दोनों सूचकांक 27 जनवरी के बाद सबसे निचले स्तर पर बंद हुए और अपने आठ महीने के निचले स्तर से बहुत दूर नहीं रह गए हैं। पूरे हफ्ते की बात करें तो सेंसेक्स में 2.5 फीसदी और निफ्टी में 2.7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। यह 22 दिसंबर 2024 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। ये दोनों सूचकांक लगातार आठ सत्र में लाल निशान में बंद हुए हैं, जो पिछले दो साल में गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला है।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 7 लाख करोड़ रुपये घटकर 400.2 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो जून 2024 के बाद सबसे कम है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुद्ध रूप से करीब 4,295  करोड़ रुपये की बिकवाली की। इसके साथ ही वे इस साल में अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। 

जियोजित फाइनें​शियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘इस साल की शुरुआत में आए कंपनियों के नतीजे बाजार के अनुमान से काफी कमजोर हैं, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप में, जिसकी वजह से निवेशक जो​खिम लेने से बच रहे हैं।’

First Published - February 14, 2025 | 10:59 PM IST

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