facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

MCap में PSU की दमदार भागीदारी, बढ़ रहा आधार

निफ्टी पीएसई इंडेक्स पिछले साल में करीब दोगुना हुआ है। भले ही बड़ी तेजी ने महंगे मूल्यांकन की चिंता बढ़ाई है, लेकिन ऐतिहासिक रुझान बरकरार रहा, तो तेजी बनी रह सकती है।

Last Updated- March 10, 2024 | 10:45 PM IST
Stake

भारत के कुल बाजार पूंजीकरण में सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू/ पीएसई) की भागीदारी बढ़कर 17.3 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो करीब सात साल में सर्वा​धिक है। इस बाजार भागीदारी में वर्ष 2022 से बड़ा बदलाव आया है। 2022 में यह भागीदारी तेजी से घटकर करीब एक अंक में रह गई थी। आकर्षक मूल्यांकन आदि ने निवेशकों का ध्यान पीएसयू शेयरों की तरफ फिर से खींचा है।

निफ्टी पीएसई इंडेक्स पिछले साल में करीब दोगुना हुआ है। भले ही बड़ी तेजी ने महंगे मूल्यांकन की चिंता बढ़ाई है, लेकिन ऐतिहासिक रुझान बरकरार रहा, तो तेजी बनी रह सकती है। इलारा कैपिटल के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि पीएसयू क्षेत्र चुनावी वर्षों के दौरान बेहतर प्रदर्शन करता है।

इलारा कैपिटल की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अनुभव आधारित प्रमाणों से पता चलता है कि किसी आम चुनाव के वर्ष में बीएसई पीएसयू इंडेक्स औसतन 14 प्रतिशत चढ़ता है, जिससे फरवरी में इसमें सुधार का संकेत दिख रहा था। नतीजों की घोषणा के सीजन तक सूचकांक ने 22 प्रतिशत प्रतिफल दिया है।’

चुनाव के बाद और तेजी विनिवेश से पैदा होने वाले अवसरों से आ सकती है। हालांकि विश्लेषक पीएसयू शेयरों में अत्य​धिक निवेश के ​खिलाफ सतर्क हैं। इलारा ने मौजूदा परिदृश्य की तुलना 2016-17 की मूल्यांकन अव​धि से की है, जिसके बाद तीन साल का कमजोर प्रदर्शन दर्ज किया गया था।

First Published - March 10, 2024 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट