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बाजार गिरावट के अंत के करीब; 25,000 पहुंच सकता है निफ्टी: एमके

एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में खपत और पूंजीगत खर्च में सुधार की उम्मीद, एफपीआई बिकवाली भी थमने का अनुमान

Last Updated- February 18, 2025 | 9:51 PM IST
Nifty 50

एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि हम मौजूदा बाजार बिकवाली के अंत की ओर बढ़ रहे हैं। इक्विटी शोध फर्म को उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारतीय इक्विटी के लिए अल्पावधि में कमजोरी और अस्थिरता बढ़ेगी।

हालांकि, उसे उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे खपत में सुधार होगा क्योंकि उसे रोजगार के रुझानों में सुधार, असुरक्षित ऋण में सुधार और कल्याणकारी खर्च में वृद्धि से मदद मिलेगी। एमके का अनुमान है कि दिसंबर 2025 तक निफ्टी 25,000 तक पहुंच जाएगा।

एमके का अनुमान है कि दो से तीन तिमाहियों के भीतर डिस्क्रेशनरी खर्च में सुधार आएगा, जिसे आईटी नियुक्तियों में तेजी, बेहतर नकदी स्थिति और खुदरा उधारी में सुधार से मदद मिलेगी। सरकर द्वारा संचालित महिला-केंद्रित कल्याणकारी योजनाओं और सर्दियों की फसलों की मजबूत बोआई से भी खपत प्रवृत्ति में इजाफा होने की उम्मीद है।

एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्याधिकारी (इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज) नीरव शेठ ने कहा, ‘तेजी और गिरावट दोनों ही स्थितियों में बाजार में अत्यधिक प्रतिक्रिया देखी जाती है। नीचे की ओर जाने की प्रक्रिया आमतौर पर अस्थिर होती है, जिसे हम मौजूदा समय में देख रहे हैं।

हमारा वृहद परिदृश्य मजबूत है और हमारे पास ज्यादा अनुकूल मौद्रिक नीति भी है। हमारा मानना है कि कमजोर आय डाउनग्रेड चक्र पीछे छूट चुका है। हमें वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि सरकारी खर्च और कर राहत आधारित खपत खर्च से सकारात्मक बदलाव आएगा। अब खरीदने का समय है।’

एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को अगले वित्त वर्ष से पूंजीगत खर्च में सुधार की उम्मीद है। एमके का मानना है कि मार्च के बाद एफपीआई की बिकवाली थम जाएगी, क्योंकि मूल्यांकन नरम पड़ गया है। एमके की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के पीक पर पहुंचने से रुपये में गिरावट की चिंताएं घटेंगी और एफपीआई की बिकवाली को रोकने में मदद मिलेगी। आरबीआई द्वारा नकदी डालने से घरेलू इक्विटी में तेजी आ सकती है और बीएफएसआई क्षेत्र को फायदा हो सकता है।’

First Published - February 18, 2025 | 9:51 PM IST

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