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Trump Tariffs: ट्रंप की टैरिफ जंग का असर, वॉल स्ट्रीट के झटके से एशियाई बाजार धराशायी; निक्केई 8% टूटा

अमेरिकी सरकार ने चीनी उत्पादों पर 34 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जिसके जवाब में चीन ने भी 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

Last Updated- April 07, 2025 | 7:54 AM IST
Share Market
टोक्यो का निक्केई 225 इंडेक्स बाजार खुलते ही करीब 8 फीसदी लुढ़क गया।

Trump Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने और चीन की प्रतिक्रिया के चलते वॉल स्ट्रीट में शुक्रवार को आई बड़ी गिरावट का असर सोमवार को एशियाई शेयर बाजारों पर साफ दिखा।

टोक्यो का निक्केई 225 इंडेक्स बाजार खुलते ही करीब 8 फीसदी लुढ़क गया। ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स भी 6 फीसदी से ज्यादा टूट गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 4.4 फीसदी गिरा।

इस बीच, अमेरिकी शेयर बाजार के फ्यूचर्स में भी भारी गिरावट देखने को मिली। S&P 500 फ्यूचर 4.2 फीसदी टूटा, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज फ्यूचर में 3.5 फीसदी की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक फ्यूचर 5.3 फीसदी लुढ़का।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में जबरदस्त गिरावट देखी गई है। अमेरिका का बेंचमार्क क्रूड ऑयल 4 फीसदी या $2.50 गिरकर $59.49 प्रति बैरल पर आ गया। वहीं ब्रेंट क्रूड, जो वैश्विक मानक है, $2.25 गिरकर $63.33 प्रति बैरल पर पहुंच गया।

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वॉल स्ट्रीट पर शुक्रवार को कोरोना के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। S&P 500 इंडेक्स 6 फीसदी लुढ़क गया, जबकि डाओ जोंस 5.5 फीसदी और नैस्डैक कंपोजिट 5.8 फीसदी गिरा।

यह गिरावट तब आई जब चीन ने डॉनल्ड ट्रंप द्वारा पिछले सप्ताह घोषित भारी टैरिफ के जवाब में समान टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। इससे ट्रेड वॉर और गहरा गया है, जो पूरी दुनिया के लिए मंदी का कारण बन सकता है।

अमेरिकी जॉब मार्केट की रिपोर्ट उम्मीद से बेहतर रही, लेकिन इसके बावजूद बाजार की गिरावट नहीं रुक पाई।

इस ट्रेड वॉर में अब तक किसी को भी फायदा नहीं हुआ है। S&P 500 इंडेक्स में शामिल 500 कंपनियों में से सिर्फ 14 कंपनियों के शेयर ही बढ़ पाए। क्रूड ऑयल की कीमत 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा, कॉपर जैसी अर्थव्यवस्था से जुड़ी दूसरी जरूरी धातुओं के दाम भी गिर गए हैं क्योंकि ट्रेड वॉर से वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है।

चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापार तनाव ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को हिला दिया है। अमेरिकी सरकार ने चीनी उत्पादों पर 34 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जिसके जवाब में चीन ने भी 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह ऐलान चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने किया।

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इस टकराव से वैश्विक मंदी की आशंका गहराने लगी है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह ट्रेड वॉर लंबा चला, तो शेयर बाजारों में अभी और बड़ी गिरावट देखी जा सकती है। अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख इंडेक्स S&P 500 फरवरी में बने अपने रिकॉर्ड स्तर से अब तक 17.4% गिर चुका है।

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मामले में बेपरवाह नजर आ रहे हैं। फ्लोरिडा के अपने निजी क्लब मार-ए-लागो से उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा— “THIS IS A GREAT TIME TO GET RICH”, और फिर पास ही के गोल्फ कोर्स के लिए रवाना हो गए।

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इधर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर इस झटके को थोड़ा कम कर सकता है। इससे कंपनियों और आम लोगों के लिए कर्ज लेना और खर्च करना आसान हो सकता है। लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल का कहना है कि टैरिफ से महंगाई बढ़ने की उम्मीदें बन सकती हैं और ऐसे में ब्याज दर घटाना उल्टा असर डाल सकता है।

पॉवेल ने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि लंबी अवधि की महंगाई उम्मीदों को स्थिर रखें और सुनिश्चित करें कि एक बार कीमतें बढ़ने से वह स्थायी महंगाई का रूप न ले ले।”

अब सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रंप प्रशासन टैरिफ कब तक बनाए रखता है और बाकी देश किस तरह की जवाबी कार्रवाई करते हैं। वॉल स्ट्रीट का एक हिस्सा अब भी उम्मीद लगाए बैठा है कि बातचीत के बाद ट्रंप टैरिफ कम कर सकते हैं।

ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अमेरिकी लोगों को टैरिफ से कुछ तकलीफ हो सकती है, लेकिन उनका मानना है कि इसका लंबी अवधि में फायदा होगा— खासतौर से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों की वापसी के रूप में।

चीन में कारोबार करने वाली अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में वॉल स्ट्रीट पर भारी गिरावट देखने को मिली। केमिकल कंपनी ड्यूपॉन्ट का शेयर 12.7% तक गिर गया। इसकी वजह यह रही कि चीन ने ड्यूपॉन्ट चाइना ग्रुप के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट जांच शुरू करने का ऐलान किया है। यह कंपनी ड्यूपॉन्ट की सब्सिडियरी है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के जवाब में की गई है।

GE हेल्थकेयर, जिसने पिछले साल अपनी 12% कमाई चीन से की थी, उसका शेयर 16% टूट गया।

बॉन्ड बाजार की बात करें तो 10 साल की यूएस ट्रेजरी यील्ड घटकर 4.01% पर आ गई, जो गुरुवार को 4.06% थी। हालांकि दिन में यह एक समय 3.90% के नीचे चली गई थी। फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल के महंगाई को लेकर सतर्क बयान के बाद यील्ड में थोड़ी रिकवरी देखी गई।

-एजेंसी इनपुट के साथ

First Published - April 7, 2025 | 7:54 AM IST

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