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Budget 2024: कपड़ा परिधान और जूता निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री पर सीमा शुल्क में कटौती

बत्तख या हंस से असली रूई भरने वाली सामग्री का इस्तेमाल निर्यात का कपड़ा या चमड़े का परिधान बनाने के लिए किया जाता है जिसका शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया गया है।

Last Updated- July 24, 2024 | 11:10 PM IST
मिश्रित सिंथेटिक कपड़ों में कमजोरी से परिधान निर्यात पर असरः रिपोर्ट , Weakness in blended synthetic fabrics impacts apparel exports: Report

केंद्रीय बजट 2024-25 में सरकार ने बत्तख या हंस की असली रूई भरने वाली सामग्री पर मूल बुनियादी शुल्क घटाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा निर्यात के लिए चमड़ा और कपड़ा परिधान, जूते और अन्य चमड़े के सामान के निर्माण के लिए छूट वाली वस्तुओं की सूची में जोड़ा है।

सरकार ने स्पैंडेक्स पर सीमा शुल्क की दर को 7.5 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया है, निर्यात के लिए कपड़ा या चमड़े के परिधान के निर्माण के लिए क्रस्ट या फिनिश्ड चमड़ा, चमड़ा/सिंथेटिक फुटवियर या अन्य चमड़ा उत्पाद को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है।

बत्तख या हंस से असली रूई भरने वाली सामग्री का इस्तेमाल निर्यात का कपड़ा या चमड़े का परिधान बनाने के लिए किया जाता है जिसका शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया गया है। कपड़ा या चमड़े के परिधान, चमड़े या सिंथेटिक फुटवियर के लिए कुछ अतिरिक्स एसेसरीज आदि पर मूल सीमा शुल्क शून्य होगा।

क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चीफ मेंटॉर राहुल मेहता कहते हैं, ‘इस तरह की सामग्री का इस्तेमाल जिन परिधानों के निर्माण में होता है, उनकी लागत में 4-5 फीसदी की कमी आएगी। अगर निर्यातक अपनी कीमतें कम करते हैं तो वे निर्यात बाजार में अधिक प्रतिस्पर्द्धा कर पाएंगे या फिर उनके लिए मुनाफे की गुंजाइश बनेगी।’

ईवाई इंडिया के अधिकारी सुरेश नायर ने कहा कि इससे निर्यातक और प्रतिस्पर्द्धा कर पाएंगे। नायर ने कहा, ‘यह निर्यातकों के लिए सकारात्मक कदम है और इससे निश्चित तौर पर निर्यातकों को बाजार में प्रतिस्पर्द्धी बढ़त मिलेगी।’

First Published - July 24, 2024 | 11:10 PM IST

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