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Economic Survey 2024: बढ़ता मोटापा चिंता का विषय, स्वस्थ जीवनशैली के लिए निवारक उपाय किए जाने चाहिए

विश्व मोटापा संघ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए समीक्षा में कहा गया कि अनुमानों के अनुसार, भारत में वयस्कों में मोटापे की दर तीन गुना से भी अधिक हो गई है।

Last Updated- July 22, 2024 | 2:33 PM IST
Parliament session
New Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman speaks in the Lok Sabha during the first day of the Parliament session, in New Delhi, Monday, July 22, 2024.

Economic Survey 2024: भारत में 54 बीमारियां अस्वास्थ्यकर आहार के कारण होती हैं। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। समीक्षा में बढ़ते मोटापे और चीनी तथा वसा से भरपूर अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि पर चिंता जताई गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि मोटापा एक ‘‘चिंताजनक स्थिति’’ पेश करता है और नागरिकों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में सक्षम बनाने के लिए निवारक उपाय किए जाने चाहिए। इसमें कहा गया, ‘‘ भारत की वयस्क आबादी में मोटापा एक गंभीर चिंता का विषय बन रहा है। यदि भारत को अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाना है, तो यह महत्वपूर्ण है कि इसकी आबादी के स्वास्थ्य मापदंडों को संतुलित तथा विविध आहार की ओर परिवर्तित किया जाए।’’

भारतीय चिकित्सकीय अनुसंधान परिषद की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि चीनी तथा वसा से भरपूर अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि, शारीरिक गतिविधियों में कमी तथा विविध खाद्य पदार्थों तक सीमित पहुंच के कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से अधिक वजन/मोटापे की समस्याएं बढ़ रही हैं। विश्व मोटापा संघ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए समीक्षा में कहा गया कि अनुमानों के अनुसार, भारत में वयस्कों में मोटापे की दर तीन गुना से भी अधिक हो गई है।

दुनिया में बच्चों में मोटापे की दर में सबसे अधिक वृद्धि भारत में हुई। समीक्षा में कहा गया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के अनुसार, ग्रामीण भारत की तुलना में शहरी भारत में मोटापे की दर काफी अधिक है। शहरी भारत में यह दर 29.8 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण भारत में यह 19.3 प्रतिशत है।

देश में 18-69 आयु वर्ग में मोटापे से जूझ रहे पुरुषों का प्रतिशत एनएफएचएस-5 में बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गया है, जबकि एनएफएचएस-4 में यह 18.9 प्रतिशत था। महिलाओं के लिए यह 20.6 प्रतिशत (एनएफएचएस-4) से बढ़कर 24 प्रतिशत (एनएफएचएस-5) हो गया है।

समीक्षा में कहा गया, ‘‘ कुछ राज्यों में बढ़ती उम्र की आबादी में मोटापा भी चिंताजनक है। नागरिकों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में सक्षम बनाने के लिए निवारक उपाय किए जाने चाहिए।’’ कुछ राज्यों जैसे कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली) में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं का अनुपात 41.3 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों के लिए यह 38 प्रतिशत है। तमिलनाडु में 37 पुरुष और 40.4 महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं। आंध्र प्रदेश में 36.3 प्रतिशत महिलाएं और 31.1 प्रतिशत पुरुष मोटापे जूझ रहे हैं।

First Published - July 22, 2024 | 2:33 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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