facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

BRICS Summit में चीन से दुर्लभ खनिज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध पर चर्चा करेंगे समूह के सभी देश

ब्रिक्स देश चीन के दुर्लभ खनिज मैग्नेट पर लगे निर्यात प्रतिबंध पर चर्चा करेंगे, जिससे वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हुई है और व्यापारिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

Last Updated- June 30, 2025 | 8:16 AM IST
rare earth minerals
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

ब्रिक्स समूह के देश अपने आगामी वा​र्षिक ​शिखर सम्मेलन में दुर्लभ खनिज मैग्नेट के निर्यात पर चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर चर्चा करेंगे। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस समूह के सदस्यों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया शामिल हैं। 

चीन ने 4 अप्रैल को दुर्लभ खनिज मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन के इस फैसले से दुनिया भर में उसकी आपूर्ति प्रभावित हो गई। दुर्लभ खनिज तत्वों (आरईई) के कुल वै​श्विक उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 70 फीसदी है। साथ ही वह दुनिया में दुर्लभ खनिजों की प्रॉसेसिंग एवं रिफाइनिंग में करीब 90 फीसदी हिस्से को नियंत्रित करता है। ये दुर्लभ खनिज इलेक्ट्रिक वाहन, पवन ऊर्जा टर्बाइन और रक्षा प्रणाली सहित विभिन्न तकनीकों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ फेलिक्स हैचिंस्की दा नोब्रेगा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘यह केवल ब्रिक्स की समस्या नहीं है ब​ल्कि यह एक वैश्विक समस्या है और हम इस पर चर्चा करने जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि यह मुद्दा ​शिखर सम्मेलन के एजेंडे में है। मगर फिलहाल हमें यह नहीं मालूम है कि उस पर चीन की क्या प्रतिक्रिया होगी। वह कोई कोई छूट दे पाएगा या नहीं।

नोब्रेगा ने कहा, ‘आपको यह ध्यान रखना होगा कि ब्रिक्स देश कुल मिलाकर दुनिया के दुर्लभ खनिजों में काफी बड़ा योगदान करते हैं। इस पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि यह व्यापार तनाव का नतीजा है और ब्रिक्स देशों ने यह तनाव पैदा नहीं किया है। जब ब्रिक्स में इस पर चर्चा होगी तो वे व्यापार युद्ध के नतीजों पर चर्चा कर रहे होंगे।’ 

भारत में ब्राजील के राजदूत से जब पूछा गया कि बातचीत किस प्रकार होगी तो ब्राजील के राजदूत ने कहा कि हमेशा से ब्रिक्स का दृष्टिकोण बातचीत के जरिये सहमति बनाने की रही है। विचार यह है कि भले ही हम ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से विविध देश हैं लेकिन हमारे हित समान हैं। नोब्रेगा ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम इन शर्तों पर बातचीत तक पहुंच गए हैं। मगर हम इन मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। बातचीत अभी शुरू होनी है।’

भारतीय कंपनियों द्वारा दुर्लभ धातुओं के आयात के लिए 30 से अधिक आवेदन चीन के अधिकारियों के पास लंबित हैं। जहां तक अमेरिका का सवाल है तो उसके साथ व्यापार युद्ध रुक जाने के बावजूद चीन कथित तौर पर पश्चिमी कंपनियों को मंजूरी देने में देरी कर रहा है।

नोब्रेगा ने बताया कि 6 और 7 जुलाई के बीच रियो डी जेनेरियो में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देश स्थानीय मुद्राओं में व्यापार और भुगतान प्लेटफॉर्मों के विकास पर भी काम करेंगे।

जहां तक जलवायु परिवर्तन के एजेंडे का सवाल है तो ब्रिक्स ​शिखर सम्मेलन का उपयोग कॉप30 तक पहुंचने के लिए किया जाएगा। ब्राजील उसकी मेजबानी इस साल के आ​खिर में बेलेम में करेगा। उस सम्मेलन में अधिक परिपक्व चर्चा होने की उम्मीद है। अप्रैल में ब्रिक्स जलवायु कार्य समूह ने वित्तपोषण और सामाजिक न्याय पर केंद्रित नई जलवायु भू-राजनीति का प्रस्ताव रखा था।

First Published - June 30, 2025 | 8:16 AM IST

संबंधित पोस्ट