facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में सबसे आगे कोलकाता की कंपनियां; बड़ी नहीं, छोटी फर्मों ने दिए सबसे ज्यादा चंदे

निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के बाद पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को चुनावी बॉन्ड के जरिये सबसे अधिक चंदा मिला है।

Last Updated- March 15, 2024 | 10:00 PM IST
Electoral Bonds

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चंदा देने वाली शीर्ष 10 कंपनियों में कम से कम चार कंपनियों के मुख्यालय कोलकाता में हैं। इनमें हल्दिया एनर्जी लिमिटेड, एस्सेल माइनिंग ऐंड इंडस्ट्री लिमिटेड, केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड और मदनलाल लिमिटेड शामिल हैं। यही नहीं, कोलकाता ऐसा शहर है जहां योजना शुरू होने के बाद से अब तक सबसे अधिक चुनावी बॉन्ड बेचे गए।

निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के बाद पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को चुनावी बॉन्ड के जरिये सबसे अधिक चंदा मिला है। विशेष यह कि चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कोई बड़ी कंपनी नहीं है, बल्कि शहर की छोटी-छोटी कंपनियों ने अधिक संख्या में इनकी खरीद की। बहुत-सी कंपनियां तो ऐसी हैं, जिनके कारोबार के बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं है।

आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 377 करोड़ रुपये के साथ हल्दिया एनर्जी लिमिटेड चौथी सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी है। आरपी-संजीव गोयनका समूह की इस ऊर्जा कंपनी का हल्दिया में कोयला आधारित 300 मेगावॉट का ऊर्जा संयंत्र है। राष्ट्रीय स्तर की सूची में छठे नंबर पर कोलकाता की एस्सेल माइनिंग ऐंड इंडस्ट्री लि. का नाम है। यह आदित्य बिड़ला समूह का हिस्सा है, जिसने 2019 के बाद से विभिन्न मौकों पर 224.5 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।

मदनलाल लिमिटेड ने चुनावी बॉन्ड पर 185.5 करोड़ रुपये खर्च किए। केवेंटर समूह की अलग-अलग कंपनियों ने भी 600 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। एमकेजे समूह ने 128 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। मेरियड फाइनैंशियल एजेंसीज जिसके कारोबार के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती, ने भी चुनावी बॉन्ड खरीद में हिस्सा लिया।

First Published - March 15, 2024 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट