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अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे: वकील

अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार एवं अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख मतों के अंतर से हरा दिया।

Last Updated- June 05, 2024 | 8:42 PM IST
Amritpal Singh

कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह की पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से जीत के एक दिन बाद उनके वकील राजदेव सिंह खालसा ने कहा कि सिंह की जेल से रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। खालसा और अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर ने बुधवार को डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में उनसे मुलाकात की।

‘वारिस पंजाब दे’ संगठन प्रमुख अमृतपाल अप्रैल 2023 से जेल में बंद हैं। सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार एवं अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख मतों के अंतर से हरा दिया। सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में किस्मत आजमाई थी। अमृतपाल सिंह समेत आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद दो उम्मीदवार इस बार संसदीय चुनाव में विजयी हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट पर आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपी शेख अब्दुल राशिद उर्फ ​​इंजीनियर राशिद ने भी इन चुनावों में जीत दर्ज की। इन दोनों की जीत से आगामी दिनों में गठित होने वाली 18वीं लोकसभा के लिए असामान्य स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि कानून के तहत उन्हें नए सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन उन्हें संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने का संवैधानिक अधिकार है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या जेल में बंद इन नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ लेने की अनुमति दी जाएगी और यदि हां, तो कैसे। संविधान विशेषज्ञ और पूर्व लोकसभा महासचिव पी.डी.टी. आचारी ने इस विषय से जुड़े कानूनी पहलुओं को समझाते हुए ऐसे मामलों में संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सांसद के रूप में शपथ लेना एक संवैधानिक अधिकार है।

आचारी ने कहा कि चूंकि इंजीनियर राशिद और सिंह फिलहाल जेल में हैं, इसलिए उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद तक ले जाने के वास्ते अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि शपथ लेने के बाद उन्हें वापस जेल जाना होगा। यदि इंजीनियर राशिद या सिंह को दोषी ठहराया जाता है और उन्हें कम से कम दो साल के कारावास की सजा होती है तो वे उच्चतम न्यायालय के 2013 के फैसले के अनुसार, लोकसभा में अपनी सीट तुरंत गंवा देंगे।

न्यायालय के फैसले के अनुसार, ऐसे मामलों में सांसदों और विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। खालसा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने रणनीति पर चर्चा की है, लेकिन हमारे लिए सबसे पहले उनकी (अमृतपाल की) रिहाई महत्वपूर्ण है और हम इसके लिए सभी आवश्यक कानूनी सहायता ले रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सिंह को जल्द ही रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की निवर्तमन सरकार के पास ‘‘कोई अन्य विकल्प नहीं है।’’ खालसा ने कहा, ‘‘सिख समुदाय ने उन्हें वोट दिया, क्योंकि उन्होंने उनमें नेतृत्व की क्षमता देखी है और वह उनकी चिंताओं को आवाज दे सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमृतपाल सिंह ने नशा-मुक्त पंजाब के लिए ‘अमृत संचार’ की शुरुआत की थी और वह अच्छा काम कर रहे थे। ‘आप’ सरकार ने उनके खिलाफ साजिश रची और राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें झूठे आरोपों में सलाखों के पीछे डाल दिया।’’ सिंह की गिरफ्तारी को ‘‘असंवैधानिक और गैरकानूनी’’ बताते हुए खालसा ने कहा कि चुनावों में उनकी जीत ने साबित कर दिया है कि लोग उनके साथ हैं।

First Published - June 5, 2024 | 8:42 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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