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Assembly Election Results 2024: हरियाणा में भाजपा, जम्मू-कश्मीर में नेंशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस की वापसी

Assembly Election Results 2024: जून में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल एक बार फिर गलत साबित हुए और नतीजे भाजपा के लिए मिले-जुले रहे।

Last Updated- October 08, 2024 | 5:57 PM IST
Assembly Election Results 2024: BJP in Haryana, National Conference-Congress return in Jammu and Kashmir Assembly Election Results 2024: हरियाणा में भाजपा, जम्मू-कश्मीर में नेंशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस की वापसी

Haryana and J&K election results: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों/रुझानों में मतदाताओं ने आश्चर्यचकित करते हुए दोनों ही स्थानों पर विजेताओं को निर्णायक बढ़त प्रदान की है। इसके तहत हरियाणा में भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर जीत की ‘हैट्रिक’ की ओर अग्रसर है तो वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाता दिख रहा है।

एक राज्य, एक केंद्र शासित प्रदेश की सत्ता दांव पर थी और तीन मुख्य दावेदार मैदान में थे। जून में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल एक बार फिर गलत साबित हुए और नतीजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मिले-जुले रहे।

कांग्रेस के लिए यह झटका साबित हुए, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को स्पष्ट जीत मिलती नजर आ रही है। जम्मू-कश्मीर में नेकां के नेतृत्व में गठबंधन सत्ता में वापसी कर रहा है।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार शाम सवा चार बजे 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा 50 सीट (26 पर जीत और 24 पर आगे) पर बढ़त के साथ तीसरी बार सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है, जबकि सुबह के शुरुआती रुझानों में वह कांग्रेस से पीछे थी। हालांकि, रुझानों में भाजपा जम्मू-कश्मीर की 90 में से महज 29 सीट (दो पर जीत 27 पर आगे) झोली में डालती दिख रही है। इस साल के अंत में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये नतीजे जहां भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाले हैं,वहीं कांग्रेस के लिए ये भारी निराशा वाले प्रतीत होते हैं।

कांग्रेस लोकसभा के नतीजों से मिली बढ़त को बरकार रखने की उम्मीद कर रही थी। हरियाणा में सुबह के रुझानों में हालांकि वह आगे थी और उत्साही नेताओं ने मिठाइयां भी बांटनी शुरू कर दी थी। हरियाणा में अपने शीर्ष नेतृत्व में कथित कलह से जूझ रही कांग्रेस को सत्ता में आने की उम्मीद थी, लेकिन वह राज्य में महज 35 सीट पर जीत या बढ़त बनाए हुए है जो पिछली बार की तुलना में सात अधिक है, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी 46 सीट से काफी कम है।

जम्मू-कश्मीर में पार्टी नेकां के सहारे सत्ता तक पहुंचती दिख रही है। हालांकि, कांग्रेस ने इस केंद्र शासित प्रदेश में 32 सीट पर चुनाव लड़ा था जिनमें से उसे महज छह पर सफलता मिली है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के समक्ष हरियाणा में मतगणना के आंकड़ों को अद्यतन करने में कथित ‘‘बिना कारण देरी’’ का मुद्दा उठाया और आग्रह किया कि वह अधिकारियों को सटीक आंकड़े अद्यतन करने का निर्देश दे ताकि ‘‘झूठी खबरों और दुर्भावनापूर्ण बयानों’’ का तुरंत मुकाबला किया जा सके।

हरियाणा में सुबह के समय मतगणना के दौरान सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। दोनों पक्षों का मत प्रतिशत भी काफी करीब था। सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के तीन घंटे बाद, भाजपा का मत प्रतिशत 38.7 और कांग्रेस का 40.5 प्रतिशत था। शाम 4.25 बजे तक भाजपा का मत प्रतिशत 39.88 और कांग्रेस का 39.05 दर्ज किया गया।

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सुबह रोहतक में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस को बहुमत मिलेगा। कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाएगी।’’ कांग्रेस के चर्चित विजेताओं में पहलवानी से राजनीति में आईं विनेश फोगट भी शामिल हैं, जो ओलंपिक पदक वजन की वजह से जीत नहीं पाई थीं। उन्होंने जुलाना सीट 6,015 मतों के अंतर से जीती।

हालांकि, उनके लिए भी मुकाबला काफ़ी उतार-चढ़ाव वाला रहा। भाजपा के पास निवर्तमान विधानसभा में 41 सीट थीं और इस चुनाव में वह 50 सीट पर जीत दर्ज करती नजर आ रही है और अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने पूर्व पार्टी सहयोगी अशोक तंवर पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मुझे हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने का पूरा भरोसा है। 45 मिनट से भी कम समय में अशोक तंवर भाजपा की रैली से राहुल गांधी के साथ चले गए… इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार ने किस तरह के बुनियादी ढांचे और सड़कों का विकास किया है।’’

भाजपा के सत्ता में आने के साथ ही पार्टी नेता अनिल विज भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गये। अंबाला कैंट से सुबह पिछड़ने के बाद जीत की ओर अग्रसर अनिल विज ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘हमारी पार्टी में व्यक्ति इन चीजों की घोषणा नहीं करता। इससे पहले मैंने केवल यह स्पष्ट किया था कि मैं इसके (मुख्यमंत्री नामित किये जाने के) खिलाफ नहीं हूं। फैसला आलाकमान करेगा।’’

दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में संख्याएं लगभग एक जैसी ही हैं – दोनों राज्यों की विधानसभाएं 90 सदस्यीय हैं, हरियाणा में भाजपा 50 सीट के साथ आगे चल रही है या जीत रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर में नेकां-कांग्रेस 49 सीट के साथ सत्ता के करीब पहुंच रहे हैं।

नेशनल कॉफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में बड़ी सफलता हासिल की। इस केंद्र शासित प्रदेश में 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव कराए गए। तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।

नेकां ने 51 सीट पर चुनाव लड़ा था जिनमें से 41 सीट पर जीत दर्ज की है और एक पर आगे चल रही है जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 32 सीट पर चुनाव था लेकिन उसके खाते में महज छह सीट आई हैं। भाजपा ने केंद्र शासित प्रदेश में 27 सीट पर जीत दर्ज की है जबकि दो पर आगे चल रही है।चुनाव हारने वालों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की इल्तिजा मुफ्ती भी शामिल हैं, जो पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी हैं।

इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ जारी पोस्ट में कहा, ‘‘मैं जनादेश को स्वीकार करती हूं। बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा। इस अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले पीडीपी कार्यकर्ताओं का आभार।’’

हालांकि, यह दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के नाम रहा, जिन्हें इस साल हुए संसदीय चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्होंने घाटी में दोनों सीट बडगाम और गांदरबल से जीत दर्ज की है। उमर अब्दुल्ला 2009-14 तक मुख्यमंत्री रहने के बाद एक बार फिर इस पद की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘पिछले पांच वर्षों से जो नेशनल कॉन्फ्रेंस को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे, वे आज विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद खत्म हो गए हैं। हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है…।’’

नेकां सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। इस बीच, गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा किसे बनाया जाएगा, इसके बारे में पूछने पर नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, ‘‘उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री होंगे।’’

नेकां अध्यक्ष ने कहा कि यह परिणाम इस बात का सबूत है कि जम्मू कश्मीर के लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ थे।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने अपना फैसला दे दिया है और यह साबित कर दिया है कि पांच अगस्त 2019 को लिए गए फैसले उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं। मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं कि लोगों ने चुनावों में भाग लिया और स्वतंत्र रूप से मतदान किया। मैं नतीजों के लिए ईश्वर का आभारी हूं।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनी हुई सरकार को लोगों की ‘‘पीड़ाओं’’ को खत्म करने के लिए बहुत काम करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बेरोजगारी खत्म करनी होगी और महंगाई तथा मादक पदार्थ की समस्या जैसे मुद्दों से निपटना होगा। अब कोई उपराज्यपाल और उनके सलाहकार नहीं होंगे। अब 90 विधायक होंगे जो लोगों के लिए काम करेंगे।’’

First Published - October 8, 2024 | 5:57 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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