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शेयर बाजार संभला तो Balanced Advantage Fund में निवेश बढ़ा, 65% की दहलीज अब भी दूर

ज्यादातर बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (BAFs) को इक्विटी टैक्सेशन के तहत रखा जाता है, इसलिए इन्हें न्यूनतम 65% ग्रॉस इक्विटी एलोकेशन बनाए रखना जरूरी होता है।

Last Updated- March 26, 2025 | 8:22 AM IST
Balanced advantage fund equity exposure off lows as valuations improve

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (BAFs) का नेट इक्विटी एक्सपोजर अब अपने निचले स्तर से ऊपर आ गया है। क्योंकि शेयर बाजार में हालिया गिरावट से वैल्यूएशन में सुधार हुआ है। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं, आमतौर पर वैल्यूएशन मेट्रिक्स के आधार पर अपनी इक्विटी एलोकेशन तय करते हैं। जब वैल्यूएशन बढ़ता है, तब ज्यादातर फंड्स इक्विटी में निवेश घटाते हैं, और जब वैल्यूएशन कम होता है तो इक्विटी निवेश बढ़ाते हैं।

इस कैटेगरी की सबसे बड़ी स्कीम, जो लगभग ₹1 लाख करोड़ का प्रबंधन करती है, की नेट इक्विटी एक्सपोजर फरवरी 2025 के अंत में 56.1% था। अगस्त 2024 में यह एक्सपोजर 50% से नीचे गिर गया था।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स की बात करें तो इसका नेट इक्विटी एक्सपोजर पिछले महीने 47%था, जो अगस्त 2024 में घटकर 31.4% के निचले स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि, इक्विटी एलोकेशन अब भी सतर्क रुख बनाए हुए है और एक्सपोजर 65% की सीमा से नीचे ही बना हुआ है।

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ज्यादातर बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (BAFs) को इक्विटी टैक्सेशन के तहत रखा जाता है, इसलिए इन्हें न्यूनतम 65% ग्रॉस इक्विटी एलोकेशन बनाए रखना जरूरी होता है। फंड मैनेजर तब नेट इक्विटी एलोकेशन घटाने के लिए इक्विटी आर्बिट्राज स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल करते हैं, जब इक्विटी वैल्यूएशन आकर्षक नहीं होते।

फिलहाल इक्विटी एलोकेशन हालिया समय में देखे गए उच्च स्तरों की तुलना में कम है। उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स का नेट इक्विटी एक्सपोजर 2020 की शुरुआत में बाजार गिरावट के दौरान करीब 74% तक पहुंच गया था।

एडलवाइस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स, जो आमतौर पर अपनाए जाने वाले काउंटर-साइक्लिकल अप्रोच के विपरीत प्रो-साइक्लिकल एसेट एलोकेशन मॉडल पर काम करता है, हाल के महीनों में नेट इक्विटी एक्सपोजर घटाने वाली कुछ चुनिंदा बड़ी स्कीमों में से एक है।

First Published - March 26, 2025 | 8:22 AM IST

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