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BFSI Summit 2024: महज 3-4 साल में 100 लाख करोड़ रुपये होगा AUM, म्यूचुअल फंड CEOs ने जताया भरोसा

BFSI Summit 2024: राधिका गुप्ता म्यूचुअल फंड उद्योग की वृद्धि को लेकर आशावादी हैं और भविष्य में 100 ट्रिलियन रुपये से कहीं अधिक बढ़ने का अनुमान लगाती हैं।

Last Updated- November 07, 2024 | 2:20 PM IST
BFSI summit
Representative image

BFSI Summit 2024: बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में गुरुवार को भारत की प्रमुख म्यूचुअल फंड कंपनियों के नेताओं ने भरोसा जताया कि अगले तीन से चार साल में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹100 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के कंसल्टिंग एडिटर तमाल बंद्योपाध्याय के साथ चर्चा के दौरान, आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, ए बालासुब्रमण्यम ने बताया कि फोकस सिर्फ 100 लाख करोड़ रुपये AUM हासिल करने पर नहीं, बल्कि निवेशकों का दायरा बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा, “यह ₹100 लाख करोड़ के AUM का लक्ष्य नहीं है, बल्कि अधिक से अधिक निवेशकों को जोड़ने का है।”

बालासुब्रमण्यम ने आगे बताया कि आने वाले सालों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM बैंक डिपॉजिट के आधे हिस्से तक पहुंच सकता है। उनका कहना था कि इक्विटी मार्केट में लोगों का भरोसा बढ़ा है, क्योंकि म्यूचुअल फंड्स ने स्थिर और विश्वसनीय रिटर्न दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग अब “कंपाउंडिंग के पावर” को समझने लगे हैं, और म्यूचुअल फंड्स केवल रिटेल निवेशकों के लिए ही नहीं, बल्कि हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) के लिए भी महत्वपूर्ण निवेश साधन बन गए हैं। वर्तमान में म्यूचुअल फंड AUM का 23 प्रतिशत हिस्सा बैंकिंग चैनल्स से आता है, जबकि बाकी वृद्धि स्वाभाविक रूप से हो रही है।

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, नवनीत मुनोत ने म्यूचुअल फंड सेक्टर में निवेश पर बात करते हुए कहा कि उन्हें छोटे शहरों से भी निवेश का प्रवाह देखकर बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने इसे अपनी “सबसे बड़ी संतोषजनक उपलब्धियों” में से एक बताया। मुनोत ने खुदरा निवेशकों की अहमियत को रेखांकित करते हुए उन्हें “असली हीरो” कहा। उन्होंने यह भी बताया कि अब खुदरा निवेशकों के पास प्रबंधित संपत्तियां (AUM) संस्थागत निवेशकों से भी ज्यादा हो गई हैं।

देशी और विदेशी निवेशकों की ज़रूरत को मान्यता देते हुए, उन्होंने कहा कि “घर के बचत का इक्विटी में हिस्सा अभी भी बहुत छोटा है।”

मुनोत ने आगे बताया कि “स्थानीय निवेशकों में पूरी हिम्मत है,” क्योंकि व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है, जिससे अगले तीन से चार सालों में स्थिर और बढ़ते फंड प्रवाह पर उनका भरोसा और मजबूत हुआ है।

एसआईपी (SIP) पर बात करते हुए, एसबीआई म्यूचुअल फंड के उप प्रबंध निदेशक डीपी सिंह ने कहा कि अक्टूबर में एसबीआई म्यूचुअल फंड के एसआईपी योगदान में सितंबर की तुलना में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, भले ही बाज़ार में उतार-चढ़ाव जारी था। सिंह ने यह भी बताया कि अनिश्चित बाजार स्थितियों के बावजूद एसआईपी में बढ़ोतरी एक स्थायी प्रवृत्ति की ओर इशारा करती है, जो आगे भी जारी रहने की संभावना है।

एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राधिका गुप्ता म्यूचुअल फंड उद्योग की वृद्धि को लेकर आशावादी हैं और भविष्य में 100 ट्रिलियन रुपये से कहीं अधिक बढ़ने का अनुमान लगाती हैं। उन्होंने कहा, “आइए 100 ट्रिलियन के 10 गुना तक की बात करें। 100 ट्रिलियन तो अगले 2-3 साल में हो जाएगा।”

भारत में SIPs (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स) का चलन बढ़ रहा है। उन्होंने इसे एक नई पीढ़ी की आर्थिक आदतों का प्रतीक बताते हुए कहा, “आजकल 30 साल से कम उम्र के लोग अपनी पहली सैलरी से ही SIP या शेयर बाजार में कुछ न कुछ निवेश कर रहे हैं।”

उन्होंने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बढ़ते विविधता का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, “अभी 45 म्यूचुअल फंड्स हैं और 20 और भी लाइसेंस का इंतज़ार कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर बैंक-समर्थित नहीं हैं।” गुप्ता ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि वितरण सिर्फ बैंक-समर्थित ही है। यह अलग-अलग ग्रुप्स में भी होता है।”

उनके अनुसार, अगर फंड हाउस के पास गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट्स और मजबूत डिजिटल मौजूदगी है, तो वो बैंक सपोर्ट के बिना भी ग्रो कर सकते हैं, क्योंकि “उपभोक्ता ने खरीदने का अधिकार खुद अपने हाथ में ले लिया है।”

छोटे और मिड-कैप फंड्स में फंड फ्लो पर बात करते हुए कोटक म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने कहा, “हम लोगों को लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। दूसरा, हम लोगों को रिटर्न की अपेक्षाओं को थोड़ा कम रखने की अपील कर रहे हैं। इन दो बातों के साथ मुझे लगता है कि छोटे और मिड-कैप फंड्स सही हैं।”

डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पर चर्चा करते हुए, मुनीत ने कहा, “जो भी एसेट मैनेजमेंट कंपनी कुछ खास प्रस्ताव लेकर आती है, उसे व्यापक डिस्ट्रीब्यूटर कम्युनिटी से फायदा मिलता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ प्रभावी जुड़ाव एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचने और अपने विकास की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

वहीं, बालासुब्रमण्यम ने म्यूचुअल फंड सेक्टर के लिए मजबूत विकास का अनुमान लगाते हुए कहा, “आने वाले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री सबसे बड़ी डिस्ट्रीब्यूशन इंडस्ट्री बन जाएगी।”

First Published - November 7, 2024 | 2:20 PM IST

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