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दिसंबर में SIP के रिकॉर्ड खाते हुए बंद, निवेश का रुझान बरकरार

कुल मिलाकर 2024 में सक्रिय एसआईपी खाते 2.68 करोड़ बढ़कर 10.3 करोड़ हो गए। साल 2023 में म्युचुअल फंडों ने 1.51 करोड़ खाते जोड़े थे।

Last Updated- January 10, 2025 | 10:39 PM IST
SIP investment

शेयर बाजार में उतारचढ़ाव के बीच निवेशक तीव्र गति से एसआईपी खाते बंद करा रहे हैं। दिसंबर में निवेशकों ने 45 लाख एसआईपी खाते बंद करा दिए, जो एक रिकॉर्ड है। पिछला रिकॉर्ड मई 2024 का है जब 44 लाख खाते बंद कराए गए थे। खाते बंद कराने में इजाफे का सक्रिय एसआईपी खातों में शुद्ध बढ़ोतरी के तौर पर असर पड़ा। उद्योग ने दिसंबर में 9 लाख खाते जोड़े, जो सात महीने का निचला स्तर है।

टाटा ऐसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस अफसर आनंद वरदराजन ने कहा, बाजार में उतारचढ़ाव के साथ इक्विटी के नए निवेशकों का अनुभव खराब रहा होगा। इसके परिणामस्वरूप खाते बंद होने की संख्या में इजाफा हुआ होगा। बेंचमार्क ​निफ्टी-50 इंडेक्स दिसंबर में लगातार तीसरे महीने लाल निशान में बंद हुआ। पिछले महीने इंडेक्स में 2 फीसदी की गिरावट आई। बेंचमार्क इंडेक्स अपने सर्वोच्च स्तर से 10 फीसदी टूटा है, जो सितंबर में देखा गया था।

विशेषज्ञों ने कहा, एसआईपी खाते का आधार बढ़ने के कारण भी खातों की बंदी में इजाफा हुआ है। हालांकि एसआईपी खातों के बंद होने और बाजार की गिरावट ने निवेश पर असर नहीं डाला है। पिछले महीने निवेशकों ने म्युचुअल फंड की योजनाओं में एसआईपी के जरिये 26,459 करोड़ रुपये डाले।

एसआईपी के आंकड़ों को खुदरा निवेशकों के व्यवहार का अहम संकेतक माना जाता है क्योंकि ऐसे निवेशक एसआईपी का ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं।
एसआईपी खातों के बंद होने के मामले बढ़े हैं, लेकिन नए एसआईपी खाते खुलने की रफ्तार नरम हुई है, जो जुलाई 2024 में 73 लाख थी। दिसंबर 2024 में 54 लाख एसआईपी खाते पंजीकृत हुए।

कुल मिलाकर 2024 में सक्रिय एसआईपी खाते 2.68 करोड़ बढ़कर 10.3 करोड़ हो गए। साल 2023 में म्युचुअल फंडों ने 1.51 करोड़ खाते जोड़े थे।

एसआईपी खाते खुलने में हुए इजाफे को मोटे तौर पर नए निवेशकों से जुड़ने, हर परिसंपत्ति वर्ग में योजनाओं के मजबूत प्रदर्शन और रिकॉर्ड एनएफओ से
सहारा मिला।

साल 2024 में म्युचुअल फंडों ने 70 ऐक्टिव योजनाएं पेश की और उनमें से ज्यादातर सेक्टोरल व थीमेटिक क्षेत्र में थे। पैसिव में 130 पेशकश हुई।

एसआईपी निवेश शेयर बाजार के अहम सहायक के तौर पर उभरा है, जो हाल के महीनों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सामना कर रहा है। साल 2024 में इक्विटी योजनाओं ने शुद्ध रूप से 3.9 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया। इस निवेश ने म्युचुअल फंडों की इक्विटी खरीद पहली बार 4 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया।

पिछले तीन में से दो साल (2022 व 2024) में म्युचुअल फंड इक्विटी बाजार में सबसे बड़ा संस्थागत खरीदार रहा है। साल 2023 में म्युचुअल फंड विदेशी संस्थागत निवेशकों से थोड़ा ही पीछे रहा।

First Published - January 10, 2025 | 10:39 PM IST

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