facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

सेबी को मिली मोहलत, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी 14 अगस्त तक अदाणी जांच की रिपोर्ट

Last Updated- May 17, 2023 | 8:46 PM IST
Adani Group

उच्चतम न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को राहत देते हुए अदाणी मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने की मोहलत आज बढ़ा दी। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा अदाणी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सेबी को अब 14 अगस्त तक का समय मिल गया है। मगर अदालत ने सेबी से मामले में अब तक हुई जांच की स्थिति रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

2 मार्च को शीर्ष न्यायालय ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यों की समिति गठित करने का आदेश दिया था। इस समति को अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच करनी थी और उसे तथा सेबी को 2 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करनी थी।

मगर बाजार नियामक सेबी ने मामले को पेचीदा बताते हुए जांच के लिए छह महीने और देने की अर्जी अदालत में डाल दी। मगर विशेषज्ञों की समिति ने अपनी रिपोर्ट तय समय के भीतर अदालत को सौंप दी।

सेबी के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला के पीठ ने कहा कि ‘अनिश्चितकाल के लिए’ समय नहीं बढ़ाया जा सकता। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सेबी और सरकार का पक्ष रख रहे सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘हमने दो महीने दिए थे और अब अगस्त तक का समय दे दिया है यानी कुल पांच महीने हो गए। अगर अब भी वाकई कोई समस्या है तो बताइए।’

उन्होंने कहा, ‘हम आपको 30 सितंबर तक का समय दे सकते थे। मगर 14 अगस्त को हमें बताइए कि आप कहां तक पहुंचे हैं.. हमें जांच की स्थिति रिपोर्ट दीजिए।’

न्यायमूर्ति एएम सप्रे समिति द्वारा समय पर रिपोर्ट दिए जाने का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद 11 जुलाई को कार्यवाही सूची में शामिल की जाएगी। इससे अदालत और वकीलों को समिति की रिपोर्ट समझने और उसके सुझावों पर गौर करने में मदद मिलेगी।

पीठ ने समिति की रिपोर्ट सभी पक्षों को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया ताकि वे इस मामले में अदालत की मदद कर सकें। इस छह सदस्यीय समिति को नियामकीय व्यवस्था मजबूत करने के उपाय सुझाने का जिम्मा दिया गया था।

अदालत ने कहा, ‘इस बीच समिति आगे की चर्चा कर सकती है। समिति को उन पहलुओं या उपायों पर भी विचार विमर्श करना चाहिए, जो अगली सुनवाई के दौरान चर्चा होने के बाद अदालत सुझा सकती है।’

Also read: विश्लेषकों को बैंक ऑफ बड़ौदा में शानदार तेजी के आसार, फाइनैंशियल रिजल्ट के बाद ब्रोकरों ने दी ये राय

सेबी ने सोमवार को अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि 2016 से अदाणी समूह की जांच करने के जो आरोप उस पर लगाए गए हैं, वे तथ्यात्मक रूप से बेबुनियाद हैं। मेहता ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि 2016 का मामला पूरी तरह अलग है। उन्होंने कहा, ‘संसद में 2021 में दिया गया बयान भी अनुपालन के मामले में सेबी द्वारा कुछ कंपनियों की जांच के संबंध में था। यह जांच 2020 में शुरू हुई थी और मंत्री का बयान 2016 में शुरू हुई जांच के बारे में नहीं था।’

एक याची की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई शिकायतें आने के बाद भी नियामक ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘यदि अदाणी (की कंपनियों) के शेयर साल भर में ही 5000 फीसदी चढ़ गए तो सतर्क हो जाना चाहिए था।’

Also read: डीलिस्ट होने जा रहा है SGX Nifty, गुजरात की GIFT City में होगा शिफ्ट

इस मामले में मुख्य याची ने कहा कि नियामक ने अदालत को अभी तक यह भी नहीं बताया है कि उसने जांच के लिए किन सदस्यों को नियुक्त किया है। सेबी के वकील ने सोमवार के हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि पहले हुई जांच 51 लिस्टेड भारतीय कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट जारी किए जाने के संबंध में थी। हलफनामे में कहा गया कि अदाणी समूह की कोई भी सूचीबद्ध कंपनी उन 51 कंपनियों में शामिल नहीं थी।

सेबी ने 13 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि वह अदाणी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों और बाजार पर हुए उसके असर की जांच कर रहा है।

First Published - May 17, 2023 | 8:46 PM IST

संबंधित पोस्ट