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Monsoon Session: हंगामेदार मॉनसून सत्र में बना बिल पास कराने का अनोखा रिकॉर्ड, संसद में कम रहा कामकाज

Parliament: Lok Sabha केवल 44 घंटे और 15 मिनट तक चली। उसमें भी 20 घंटे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए निर्धारित किए गए थे

Last Updated- August 11, 2023 | 10:20 PM IST
PM Modi speech on Parliament special session

लगातार हंगामे के बीच चला संसद का मॉनसून सत्र आज संपन्न हो गया और खत्म होते-होते एक अनोखा रिकॉर्ड बना गया। मणिपुर में जातीय संघर्ष पर विपक्ष के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही कई बार रोकनी पड़ी मगर सत्र के दौरान सरकार ने दूसरी सबसे बड़ी संख्या में विधेयक पेश किए और उनमें से 23 विधेयक पारित भी करा लिए।

नई लोकसभा का बजट सत्र ही इससे बेहतर साबित हुआ था। 17 जून से 7 अगस्त, 2023 तक चले बजट सत्र में सरकार ने 38 विधेयक पेश किए थे और उनमें से 28 विधेयक पारित हुए थे। 17वीं लोकसभा के उद्घाटन सत्र में 37 बैठकें हुई थीं मगर इस मॉनसून सत्र में कुल 17 बैठकें हुईं। इससे पता चलता है कि इस बार विधेयक मामूली चर्चा के भी बगैर ही पारित हो गए। मॉनसून सत्र में चार विपक्षी सांसदों- संजय सिंह, अधीर रंजन चौधरी, राघव चड्ढा और सुशील कुमार रिंकू- को निलंबित कर दिया गया। मगर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन तकनीकी कारणों से निलंबित होते-होते बच गए।

सरकार ने 17 बैठकों में कुल 25 विधेयक पेश किए, जिनमें से 20 विधेयक लोकसभा में और 5 राज्यसभा में पेश किए गए। 5 विधेयक तो आखिरी दिन ही पेश किए गए। इनमें से 23 विधेयक पारित भी हो गए। लोकसभा में 22 विधेयक पारित हुए, जिनमें से 20 पर एक घंटे से भी कम चर्चा हुई। आईआईएम (संशोधन) विधेयक, 2023 और अंतर सेवा संगठन विधेयक, 2023 सहित 9 विधेयक लोकसभा में महज 20 मिनट के भीतर पारित हो गए। लोकसभा में सीजीएसटी और आईजीएसटी संशोधन विधेयक पारित होने में तो 2 मिनट भी नहीं लगे। राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग और राष्ट्रीय राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग बनाने का विधेयक महज 3 मिनट के भीतर लोकसभा में पारित हो गया।

साल 2019 के बजट सत्र में सरकार ने 38 विधेयक पेश किए थे। इनमें से 28 पारित हो गए थे, जो पिछले 10 वर्षों में किसी एक सत्र के दौरान पारित हुए सबसे अ​धिक विधेयक का रिकॉर्ड है।

बहरहाल मॉनसून सत्र में कामकाज बहुत कम रहा। लोकसभा केवल 44 घंटे और 15 मिनट तक चली। उसमें भी 20 घंटे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए निर्धारित किए गए थे। लोकसभा ने अपने निर्धारित समय के केवल 43 फीसदी और राज्यसभा ने 55 फीसदी समय तक काम किया। मॉनसून सत्र में 17वीं लोकसभा के पहले अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।

पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च डेटा के अनुसार 2019 के बजट सत्र में लोकसभा 281 घंटे चली थी। इस प्रकार उसमें 135 फीसदी काम हुआ था, जो पिछले 20 वर्षों में किसी अन्य संसद सत्र की तुलना में सबसे अधिक है।

मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेश किए गए 25 विधेयक में से 3 को संसदीय समितियों के पास भेजा गया। इस लोकसभा में अब तक 17 फीसदी विधेयकों को संसदीय समितियों के पास भेजा गया, जो पिछली तीन लोकसभा के मुकाबले कम है। इस सत्र में पारित 23 विधेयकों में से 7 की जांच स्थायी समिति द्वारा की गई।

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और आखिरी दिन सरकार द्वारा कई विधेयक पेश किए जाने के साथ ही मॉनसून सत्र अपने अंतिम पड़ाव पर जीवंत हो उठा।

First Published - August 11, 2023 | 10:20 PM IST

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